थलसेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशें पिछले दो महीने के दौरान बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में घुसपैठ की 25 वारदातों में करीब 40 आतंकवादी मारे गए हैं.
उन्होंने कहा ‘हालात से निपटने के लिए, थलसेना ने एक रणनीति बनायी है जिसके तहत यदि कोई भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ में कामयाब हो जाता है तो उसे बाद में मार दिया जाता है. जनरल सिंह ने एक समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘जहां तक घुसपैठ की बात है, हमने काफी हद तक इस पर काबू पा लिया है.
पिछले दो महीने के दौरान घुसपैठ की कई कोशिशें हुई हैं और हमने भी इस बाबत काफी सफलता पायी है.’ बहरहाल, उन्होंने अगस्त से पहले के आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए. बीते दो महीनों की बात करते हुए जनरल सिंह ने कहा ‘करीब 20-25 कोशिशें हुईं और इस दौरान मारे गए आतंकवादियों की तादाद 35-40 रही.’ {mospagebreak}
उन खबरों के बाबत पूछे जाने पर, जिसमें कहा गया कि हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अधिकारियों के साथ नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों में बने आतंकवादी शिविरों का दौरा करता रहा है, जनरल सिंह ने कहा ‘सलाहुद्दीन दूसरी तरफ है. हम इससे चिंतित नहीं हैं कि वह किसके साथ जाता है. यदि वह घुसपैठ की कोशिश करता है तो उसके साथ भी उसी तरह से निपटा जाएगा जैसे उसके साथियों के साथ निपटा जाता है.’
भारतीय नेटवर्कों पर चीनी हैकरों के हमले के बारे में पूछने पर थलसेना प्रमुख ने कहा ‘साइबर सुरक्षा के प्रति पूरी दुनिया चिंतित है. हमारी सरकारी वेबसाइटें भी हमले का शिकार हुई हैं और प्रौद्योगिकी ऐसा क्षेत्र है जहां आक्रामक होने के साथ-साथ बचाव वाले साधन भी इस्तेमाल किए जाते हैं.’ जनरल सिंह ने कहा ‘हम ऐसे उपाय करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे यह तय हो सके कि हमारे नेटवर्क खतरे में नहीं हैं.’