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'संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है केंद्र'

संप्रग सरकार पर ‘संघीय ढांचे’ को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शुक्रवार को कहा कि वह शक्तियों का ‘केंद्रीकरण’ करने और राज्यों की विकास योजनाओं में बाधाएं खड़ी करने का प्रयास कर रही है.

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संप्रग सरकार पर ‘संघीय ढांचे’ को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शुक्रवार को कहा कि वह शक्तियों का ‘केंद्रीकरण’ करने और राज्यों की विकास योजनाओं में बाधाएं खड़ी करने का प्रयास कर रही है.

इंडिया टुडे की ओर से आयोजित ‘स्टेट्स आफ द स्टेट्स’ कॉन्क्लेव में हिस्सा लेते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठे वेतन आयोग की वजह से राज्यों को हुए नुकसान समेत कई मुद्दों पर केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए जब धन देने की बात आई तो केंद्र सरकार ने उसकी अनदेखी की.

मोदी ने कहा, ‘भारत सरकार के रुख की वजह से राज्यों की वित्तीय दशा वांछित शक्ल नहीं ले पा रही है. इसका एक उदाहरण सरकार की ओर से घोषित छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट है. धारणा यह है कि केंद्र अपने कर्मचारियों को देने के लिए धन देता है लेकिन हकीकत यह है कि वह आयकर के जरिए धन हासिल करता है.’ {mospagebreak}

मोदी ने कहा कि जब केंद्र ने अपने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की तो राज्यों को भी उसका अनुकरण करना है. राज्यों में 25 फीसदी केंद्रीय कर्मचारी हैं और जब वेतन वृद्धि की जाती है तो आयकर राज्य को नहीं बल्कि केंद्र को जाता है. मोदी ने कहा, ‘केंद्र सरकार छठे वेतन आयोग के तहत वेतन के रूप में जो देती है यह राजस्व उससे कहीं ज्यादा है. मेरा सुझाव है कि जब केंद्र इस तरह के वेतन वृद्धि की घोषणा करता है तो राज्य के कर्मचारियों से अर्जित आयकर को राज्यों को लौटा दिया जाना चाहिए.’

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सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर इसपर सावधानी से गौर किया जाए तो संघीय ढांचा गंभीर खतरे में है.’ उनकी सरकार को केंद्र से जिस अन्य भेदभाव का सामना करना पड़ा उसका उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि प्रदर्शन के लिए उनके राज्य को खामियाजा उठाना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘गुजरात की ग्रामीण सड़कें शानदार हैं. लेकिन हमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से धन नहीं मिल रहा है. क्यों? केंद्र का कहना है कि आपने पहले ही सड़कों का निर्माण कर लिया है. इसलिए हमें अच्छे प्रदर्शन के लिए दंडित किया जा रहा है.’ {mospagebreak}

मोदी की सुर में सुर मिलाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस बात पर अफसोस जताया कि संप्रग सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उसे दिए गए औद्योगिक पैकेज की अवधि को घटा दिया. निशंक ने कहा, ‘वाजपेयी ने घोषणा की थी कि हम औद्योगिक पैकेज 2013 तक हासिल करेंगे लेकिन जब संप्रग सरकार सत्ता में आई तो पैकेज की समय-सीमा बढ़ाने के बजाय उसने कहा कि यह सिर्फ 2010 तक लागू होगा.’

निशंक ने केंद्र सरकार पर पर्यावरण अनुमति के नाम पर राज्य सरकार की कई योजनाओं की राह में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया. उधर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा, ‘विकास के पायदान पर पीछे रह गए राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ऐसा लगता है कि केंद्र बढ़ते हुए राज्यों को नीचे ला रहा है ताकि सभी राज्यों के बीच समानता कायम की जा सके.’ उन्होंने केंद्र पर संघीय ढांचे को कमजोर करने और सारी शक्तियां अपने पास केंद्रित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया.

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