वर्ल्डकप का फाइनल शनिवार दोपहर ढाई बजे शुरू होगा और नतीजा रात दस बजे तक ही आ पाएगा. पर टीम इंडिया के मैदान में उतरने से पहले ही वर्ल्डकप फाइनल का नतीजा आ गया है. जी हां, टीम इंडिया वर्ल्डकप जीत गई है.
लेकिन यह किसी ज्योतिष की भविष्यवाणी नहीं बल्कि उस सट्टा बाजार का दावा है जिसने छह हफ्ते पहले ही ये बता दिया था कि इस बार वर्ल्डकप का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच ही होगा.
तब वर्ल्डकप की पहली गेंद भी नहीं फेंकी गई थी. 19 फरवरी को वर्ल्डकप का पहला मैच भारत और बांग्लादेश के बीच खेला जाने वाला था. पर उससे दो दिन पहले ही सट्टा बाजार ने अपना फैसला सुना दिया था. फैसला, वर्ल्ड चैंपियन का, फैसला फाइनल में पहुंचने वाली दो टीमों का. फैसला सेमी फाइनल में पहंचने वाली चार टीमों का. फैसला वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन बनाने और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों का.
और इसी सट्टा बाजार के हवाले से आजतक ने 17 फरवरी को ही बताया था कि वर्ल्डकप फाइनल 2 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेला जाएगा.
सट्टा बाजार के दावे और भाव के हिसाब से भारत और श्रीलंका सचमुच फाइनल में एक दूसरे से भिड़ने जा रही हैं. लिहाजा अब सबकी नजर इसी सट्टा बाजार की आखिरी बाज़ी पर जा टिकी है. फाइनल में बाज़ी कौन जीतेगा? क्या सचमुच फाइनल के बारे में भी सटटा बाजार का दाव इसी तरह सच साबित होगा?
हर हिंदुस्तानी के लिए खुशखबरी है. क्योंकि सट्टा बाजार 17 फरवरी के अपने दावे पर अब भी कायम है. दावा ये कि 2 अप्रैल को ये चमचमाती ट्रॉफी किसी और के हाथ में नहीं बल्कि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में होगी.
{mospagebreak} सट्टा बाजार ने वर्ल्डकप का अपना आखिरी भाव भी खोल दिया है. 57 पैसे के साथ ये भाव भी भारत के ही हक में है. सट्टा बाजार ने फाइनल का भाव खोला है 57 पैसे भारत. यानी जिन्हें लगता है कि फाइनल लंका जीतेगा वो 57 पैसे के ऊपर लंका पर दांव खेल सकते हैं.
तो जो सट्टा बाजार से सहमत ना हों और जिनके पास फाइनल का सही जवाब है बस समझ लीजिए वर्ल्ड कप 2011 उसे मालामाल कर देगा.
ये दसवां वर्ल्ड कप है और ऐसा पहली बार हुआ है जब सट्टा बाजार ने टीम इंडिया पर इतना भरोसा जताया है. अब इसे धोनी के धुरंधरों का जलवा कहिए या हाल के वक्त में टीम इंडिया का प्रदर्शन. इसी सट्टा बाजार ने भारत-पाक मुकाबले से पहले यानी 29 मार्च को ही ये बता दिया था कि भारत फाइनल में पहूंचेगा. कुल मिला कर दो नतीजों को छोड़ दें तो सट्टा बाजार का हर दांव इस बार सटीक बैठा है.
तब वर्ल्ड कप का सबसे बड़ा मैच यानी भारत-पाकिस्तान के बीच मोहाली में सेमीफाइनल शुरू नहीं हुआ था. मैच 30 मार्च को होना था. जबकि सट्टा बजार ने 29 मार्च को ही एलान कर दिया था कि टीम इंडिया फाइनल में पहुंच रही है और 29 मार्च को यह जानकारी हमने आप तक भी पहुंचा दी थी.
वैसे ऐसा भी नहीं है कि सट्टा बाजार का इस वर्ल्ड कप में हर दांव सही बैठा हो. आस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीमों ने उसका गणित गड़बड़ाया भी है.
सट्टा बाजार ने वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही भारत का शुरुआती भाव खोला था तीन रुपये. 14 टीमों में सबसे कम भाव यही था. जिस टीम का भाव सबसे कम यानी जीत की वो सबसे मजबूत दावेदार. जबकि दूसरे नंबर पर भाव खुला पड़ोसी श्रीलंका की टीम का. जिसका सट्टा बाज़ार में शुरुआती भाव था 4.70 रुपये.
{mospagebreak} भारतीय उप महाद्वीप में पिछली बार वर्ल्ड कप हुआ था 1996 में, तब श्रीलंका ने विश्व कप अपने नाम किया था. साल 2007 में हुए वर्ल्ड कप में भी श्रीलंका फाइनल में पहुंचा था.
सट्टा बाजार का गणित यहां तक तो ठीक बैठा. पर दक्षिण अफ्रीका की टीम ने ना सिर्फ उसका गणित बिगाड़ा बल्कि काफी नुकसान भी पहुंचाया. दरअसल वर्ल्ड कप जीतना तो दूर, कभी फाइनल में भी नहीं पहुंचने वाली दक्षिण अफ्रीका की टीम पांच रुपये के भाव के साथ सटोरियों की तीसरी पसंद थी. दक्षिण अफ्रीका की टीम 1992, 99 और 2007 में सेमीफाइनल तक भी पहुंची थी. पर चोकर के नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीकी टीम इस बार क्वार्टर फाइनल में नयूजीलैंड से मात खा कर बाहर हो गई और उसकी जगह न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंच गई.
सट्टा बाजार का आस्ट्रेलिया पर भी दाव उल्टा पड़ा. इंग्लैंड से एशेज हारने के बावजूद 6-1 से वनडे सीरीज जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को भी सटोरिये हल्के में नहीं ले रहे थे. चार बार की वर्ल्ड चैंपियन और लगातार तीन वर्ल्ड कप जीतने वाली पोंटिंग की टीम को 5.50 रुपये के भाव के साथ सेमीफाइनल में पहुंचने वाली चौथी टीम बताई गई थी.
पर सट्टा बाजार का कहना है कि ग्रुप मैचों में उलटफेर और ऑस्ट्रेलिया की पाकिस्तान के हाथों हार के चलते क्वार्टर फाइनल का लाइनअप गड़बड़ा गया. इसी के चलते भारत और ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल से पहले ही आमने-सामने आ गईं. वर्ना ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में जरूर होती.
यानी सटटा बाजार के शुरुआती भाव के हिसाब से भारत, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया वो चार टीमें थीं जो सेमीफाइनल में पहुंचतीं. इनमें से भारत और श्रीलंका फाइनल तो यहां तक पहुंच गईं पर साउथ अफ्रीका और आस्ट्रेलिया की जगह न्यूजीलैंड और पाकिस्तान सेमीफाइनल में आ गईं.
यानी सेमीफाइनल को लेकर सट्टा बाजार का दावा फिफ्टी-फिफ्टी सही साबित हुआ. जबकि फाइनल को लेकर सौ फीसदी. अब देखना ये है कि क्या वर्ल्ड कप चैंपियन को लेकर भी उसका दावा सौ फीसदी सच साबित होता है या नहीं? ज़ाहिर है जो सट्टा ना भी खेलते हों उनकी भी यही दुआ होगी कि सट्टा बाजार की भविष्यवाणी और दाव फाइनल में सच साबित हो. क्योंकि मामला उस कप है जो पूरा इंडिया मांग रहा है.
{mospagebreak} 11 खिलाड़ी के हिसाब से 14 देशों के कुल 254 खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप के दौरान छह हफ्तों तक अपने जौहर दिखाए. पर सट्टा बाजार की निगाहें जिस खिलाड़ी पर सबसे ज्यादा गड़ी थीं वो थे सचिन तेंदुलकर. सट्टा बाजार ने छह हफ्ते पहले दावा किया था कि तेंदुलकर वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होंगे और लगता है सचमुच ऐसा ही होने जा रहा है.
जरा उस दृश्य पर विचार करें कि, शनिवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर अपना सौंवा शतक बनाएं और उसके बाद धोनी हाथों में वर्ल्ड कप उठाएं. यकीनन वर्ल्ड कप का इससे बेहतरीन और खूबसूरत अंजाम कुछ और हो ही नहीं सकता. ये दोनों ही चीजें संभव हैं. क्योंकि तेंदुलकर अब तक टेस्ट और वनडे में कुल मिला कर 99 शतक ठोंक चुके हैं और टीम इंडिया वर्ल्ड कप कप खिताब से सिर्फ एक कदम दूर है.
बस यही वो चीज है जिसने सट्टा बाजार की सबसे ज्यादा चांदी कर रखी है. टीम इंडिया के कप जीतने पर तो सट्टा बाजार ने पहले ही अपना दाव धोनी पर खेल दिया है. रही-सही कसर तेंदुलकर को सौंवे शतक पर लगने जा रहे भाव ने पूरी कर दी है. यानी शनिवार को सट्टा बाजार की चांदी ही चांदी है.
गौरतलब है कि वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही सट्टा बाजार ने वर्ल्ड कप में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पांच टॉप बल्लेबाजों और पांच गेंदबाजों का भाव खोला था. हैरानी करने वाली बात है कि सट्टा बाजार ने तभी ये कह दिया था कि तेंदुल्कर इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होंगे. इसीलिए तेंदुलकर का भाव रखा गया था सबसे कम दो रुपये.
सचिन तेंदुल्कर अब तक वर्ल्ड कप में दो शतक और दो अर्धशतक के साथ 464 रन बना चुके हैं. जबकि श्रीलंका के ओपनर तिलकरत्ने दिलशान ने 467 रन बनाए हैं. यानी सचिन से सिर्फ तीन रन ज्यादा. अब ये दोनों खिलाड़ी शनिवार को फाइनल में आमने सामने होंगे. दोनों ही अपनी-अपनी टीम के लिए ओपनिंग करने आएंगे. यानी सचिन के पास पूरा मौका होगा सट्टा बाजार की भविष्वाणी को सच साबित करने का. दिलशान से आगे निकल कर वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने का.
{mospagebreak} जाहिर है शनिवार को खिताबी जीत के अलावा सबसे ज्यादा दांव और भाव सचिन तेंदुलकर की शतकों के शतक पर लगने जा रहा है. अब जरा सोचिए जो टीम इंडिया के वर्ल्ड कप जीतने और सचिन के सौंवे शतक पर एक साथ दाव लगा दे और जीत जाए उसकी तो झोली ही भर जाएगी.
सेमीफाइनल में भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत और फिर फाइनल में टीम इंडिया. सट्टा बाजार के लिए कमाई का इससे बेहतर और सुनहरा मौका कोई ही नहीं सकता था. बस यही वजह है कि इस वर्ल्ड कप ने उम्मीद से कहीं ज्यादा उसकी झोली भर दी है.
मौजूदा वर्ल्ड कप पर अब तक तकरीबन साठ हजार करोड़ का दांव खेला जा चुका है? सट्टा बाजार के सूत्रों की मानें तो अकेले फाइनल मैच पर करीब 15 हजार करोड़ दांव पर लग चुके हैं.
वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले खुद सट्टा बाजार तकरीबन पचास हजार करोड़ दांव पर लगने की उम्मीद लगाए बैठे था. पर ग्रुप मैचों में कई छोटी और कमजोर टीमों के चलते ये आंकड़ा पूरा होता नजर नहीं आ रहा था. फिर दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया जैसी टीमों के सेमीफाइनल से पहले ही बाहर हो जाने से भी उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा.
मगर फिर भारत-पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल जैसा अहम मैच सट्टा बाजार की झोली में आ गिरा, और यहीं से उसकी तकदीर बदल गई. एक अंदाजे के मुताबिक अकेले भारत-पाक के इस एक मैच पर करीब बीस हजार करोड़ रुपये इधऱ से उधर हो गए.
कुल मिला कर सट्टा बाजार की निगाहें अब फाइनल पर टिकी हैं. चूंकि भारत फाइनल में है और जीत का देवादार भी, लिहाजा सट्टा बाजार फाइनल में फेंकी जाने वाली तमाम 600 गेंदों पर नोटों की बरसात की उम्मीद लगाए बैठा है.