वैज्ञानिकों को एक उल्लेखनीय खोज में पता चला है कि मक्खी के मल से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि कि किस तरह मनुष्य की आंत भूख को नियमित रखने में मदद करती है.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक मानव चयापचय के पहलुओं को समझने के लिए मक्खी का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे इस माध्यम से इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि गर्भवती महिलाएं सूजन और कब्ज से पीड़ित क्यों हो जाती हैं.
यूनिवर्सिटी की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वैज्ञानिक कुछ समय से इस बारे में जानते हैं कि मनुष्य की आंत प्रणाली में 500 करोड़ नाड़ी कोशिकाएं हैं और इनकी जटिलता के चलते इनके विभिन्न प्रकारों तथा कार्यप्रणाली के बारे में थोड़ा बहुत ही पता है.
‘वेलकम ट्रस्ट’ तथा बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोलाजिकल साइंसेज रिसर्च काउंसिल’ के वित्तीय सहयोग से डॉ. इरेन मिग्यूल एलीगा के नेतृत्व में अनुसंधान टीम ने आंत की कार्य प्रणाली की जांच के लिए मक्खी ‘ड्रोसोफिला मेलनोगास्टर’ का इस्तेमाल किया.
मक्खी की नाड़ी तथा पाचन प्रणाली मनुष्य से मिलती जुलती है. इस बारे में अनुसंधान रिपोर्ट ‘सेल मेटाबॉलिज्म’ पत्रिका में छपी है.