इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने लखनऊ में परिवार कल्याण विभाग के दो मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) की हत्या के मामले में राज्य सरकार से इन प्रकरणों में दाखिल आरोपपत्र तथा केस डायरी समेत सभी सम्बन्धित दस्तावेज तलब किये हैं.
सचान की मौत मामले में सीबीआई जांच होगी
न्यायमूर्ति प्रदीप कांत और न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी ने सीएमओ डाक्टर विनोद कुमार आर्या और डाक्टर बी. पी. सिंह की हत्या के मामलों की सीबीआई से जांच कराने के निर्देश देने के अनुरोध सम्बन्धी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिये. अदालत ने इन मामलों से संबंधित दस्तावेज 22 जुलाई को पेश करने के निर्देश दिए हैं.
याची के वकील प्रिंस लेनिन ने अदालत से कहा कि गत 22 जून को लखनऊ जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए उप मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर वाई. एस. सचान उक्त दोनों हत्याकांडों में आरोपी थे और उनकी मृत्यु की जांच सीबीआई कर रही है.
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उन्होंने कहा कि चूंकि डाक्टर आर्या तथा डाक्टर सिंह की हत्या और डाक्टर सचान की मौत एक-दूसरे से जुड़े मामले हैं. इसलिये दोनों सीएमओ की हत्या की जांच भी सीबीआई को सौंपना बेहतर होगा.
हालांकि, सरकारी वकील ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि चूंकि डाक्टर आर्या और डाक्टर सिंह हत्याकांड की तफ्तीश पूरी होकर उनमें आरोपपत्र भी दाखिल किया जा चुका है. इसलिये इन मामलों की जांच सीबीआई से कराने की कोई जरूरत नहीं है.
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गौरतलब है कि डाक्टर आर्या की पिछले साल अक्तूबर में लखनऊ में सुबह सैर करने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके बाद सीएमओ (परिवार कल्याण) का पद सम्भालने वाले डाक्टर सिंह की भी गत दो अप्रैल को इसी तरह कत्ल कर दिया गया था.