पुणे की जर्मन बेकरी पर पिछले वर्ष हुए विस्फोट के मामले में सरकार लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के बारे में विचार कर रही है और वह उसके प्रत्यर्पण पर भी जोर दे सकती है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि शिकागो की एक अदालत में अपने साथी तहव्वुर राणा के मामले की सुनवाई के दौरान हेडली ने स्वीकार किया कि उसने पुणे स्थित बेकरी की टोह ली थी और वहां की तस्वीरें खींची थीं.
एक अधिकारी ने कहा कि यह अहम स्वीकारोक्ति है और हम उसे आरोप-पत्र में सह-आरोपी बनाने के बारे में विचार कर रहे हैं. हम इस मामले में उसके प्रत्यर्पण पर भी जोर डालेंगे.
अधिकारी का कहना है कि जर्मन बेकरी मामले में हेडली का प्रत्यर्पण कोई मसला नहीं बनना चाहिये क्योंकि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक ने मुंबई हमला मामले के सिलसिले में अमेरिकी प्रशासन के समक्ष सजा कम कराने के बदले गुनाह कबूल कर लिया है.
अमन पसंद जर्मन बेकरी की तस्वीरें देखें
सरकार को अपेक्षा है कि राणा के मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेज 15 दिन के भीतर अमेरिका से मिल जायेंगे. अधिकारी ने कहा, ‘दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद हम हेडली तक पहुंच हासिल करने के संबंध में निर्णय करेंगे. अगर जरूरी हुआ तो हम अमेरिका में एक दल भेजेंगे.’
पुणे की जर्मन बेकरी में 13 फरवरी 2010 को हुए शक्तिशाली विस्फोट में कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी थी और 60 अन्य घायल हो गये थे.
भारत को उम्मीद है कि वर्ष 2008 के मुंबई हमलों में आईएसआई और उसके अधिकारियों की संलिप्तता संबंधी हेडली की गवाही से पाकिस्तान पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी.
जर्मन बेकरी की है खास स्टाइल
हेडली का बयान कहता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और मेजर इकबाल जैसे उसके सदस्य तथा लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद ने मुंबई हमलों के लिये बुनियादी तैयारी करने में उसकी मदद की थी.
अधिकारियों ने कहा कि इस बयान से मुंबई हमलों में पाकिस्तान की भूमिका बेनकाब हो गयी है.
इस मुद्दे पर गृह मंत्री पी. चिदंबरम और उनकी अमेरिकी समकक्ष जैनेट नेपोलितानो के बीच यहां पिछले महीने हुई बैठक में भी चर्चा हुई थी.