देश के नाविकों को सोमालियाई जलदस्युओं द्वारा लगातार बंधक बनाये जाने की घटनाओं के मुद्दे पर विपक्ष की तीखी आलोचनाओं से घिरी सरकार ने कहा कि अपहृत भारतीयों को मुक्त कराने के लिये हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन ऐसा कुछ करने से बचा जाएगा जिससे भारतीय नाविकों की जान को खतरा बढ़े.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने राज्यसभा में कहा, ‘हमें इस मुद्दे पर उद्देश्यपरक नजरिया अपनाने की जरूरत है. जब भारतीयों की बात होती है तो हम सभी भावुक हो जाते हैं लेकिन इस मुद्दे पर हम भावनात्मक आवेग में नहीं आ सकते क्योंकि हमारे नाविकों की जान खतरे में है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे इस सदन को याद दिलाने दीजिये कि जब अमेरिका ने जलदस्युओं पर हमले की कोशिश की थी तो उसमें चार नाविकों की भी मौत हो गयी थी. हम उन भारतीय नाविकों की जान खतरे में नहीं डाल सकते जो पहले से ही जोखिम में हैं. हमें संयम बरतना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘हमें नाविकों को मुक्त कराने के लिये सभी कोशिशें जारी रखनी होंगी लेकिन इसके साथ ही हमें संयम भी बरतना होगा.’ राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान तब जबर्दस्त हंगामा हुआ जब भाजपा के उपनेता एस एस अहलूवालिया ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि बुधवार को सोमालियाई जलदस्युओं के चंगुल से 11 भारतीय नाविकों को स्पेन की नौसेना ने मुक्त कराया था. हमारे नाविकों के लिये हमारी नौसेना और तट रक्षक बल क्या कर रहे हैं.
अहलूवालिया ने कहा कि ‘रेक अफ्रीकाना’ जहाज पर सवार 11 भारतीय नाविक तो मुक्त कराये जा चुके हैं लेकिन एक अन्य जहाज पर सवार अन्य भारतीयों की जान अब भी खतरे में है क्योंकि जलदस्युओं द्वारा फिरौती के लिये दी गयी समय सीमा खत्म होने को है.
उच्च सदन में भाजपा के उपनेता के यह मुद्दा उठाने के बाद पार्टी के अन्य सदस्य भी विदेश मंत्री से बयान देने की मांग करने लगे. वहीं, माकपा सदस्यों ने भी उपसभापति के. रहमान खान से अनुरोध किया कि वह कृष्णा से सदन में वक्तव्य देने को कहें.
{mospagebreak} विपक्ष की आलोचनाओं से घिरे कृष्णा ने कहा, ‘भारत सरकार सोमालियाई जलदस्युओं द्वारा देश के नाविकों को बंधक बनाये जाने के चलते उपजे संकट को पहचानती है और उसके प्रति गंभीर है.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार सभी भारतीय नाविकों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है. इस तरह की घटनाएं विचलित कर देने वाली और गंभीर प्रकृति की हैं. हम संबंधित देशों में स्थित हमारे दूतावासों से सतत संपर्क में हैं. जिन जहाजों के अपहरण के चलते भारतीय नाविक भी बंधक बनाये गये हैं, उनकी रिहाई के लिये हम काहिरा और दुबई स्थित अपने दूतावास से बातचीत कर रहे हैं.’
स्पेन के युद्धपोत ने जहां ‘रेक अफ्रीकन’ को बुधवार को मुक्त करा लिया जिस पर 11 भारतीय नाविक सवार थे, वहीं एक अन्य जहाज ‘एमवी स्वेज’ पर सवार करीब 79 भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के बारे में अब भी चिंताएं कायम हैं.
कृष्णा ने कहा कि दूतावासों से कहा गया है कि वे संबंधित जहाजों के मालिकों पर भारतीय नाविकों को सुरक्षित मुक्त कराने के लिये सभी प्रयास करने का दबाव डालें. उन्होंने कहा कि ‘रेक अफ्रीकन’ जहाज पर सवार 11 भारतीय नाविकों को ‘समझौते की बातचीत’ के बाद मुक्त करा लिया गया. 11 भारतीयों का मुक्त होना हमारे लिये अच्छी खबर है.
इस पर भाजपा सदस्य वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार यह भी बताये कि यह ‘समझौता’ किस तरह का था और क्या कोई फिरौती दी गयी थी. माकपा सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि कुछ देशों के बीच संयुक्त गश्त देने के लिये भी समझौता हुआ और उस दिशा में क्या प्रयास हुए हैं.
कृष्णा ने कहा, ‘समझौते की बातचीत में कई तरह की बातें होती हैं. इसमें वह (फिरौती का) पहलू भी शामिल हो सकता है, जिसकी सदस्य बात कर रहे हैं. मैंने हाल ही में मिस्र के राजदूत से भी मुलाकात कर उनसे सहयोग मांगा है.’
उन्होंने कहा कि देशों के बीच संयुक्त गश्त देने के समझौते पर आगे के प्रयास हो रहे हैं. हालांकि, इस दिशा में अभी कोई ठोस नतीजे सामने नहीं आये हैं.