पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि गोपनीय संदेश मामला कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि इस संदेश को लिखने वाला मंसूर एजाज पाकिस्तानी नागरिक नहीं है और वह विश्वसनीय व्यक्ति नहीं है.
'एसोसिएटेड प्रेस आफ पाकिस्तान' के मुताबिक शनिवार को एक निजी चैनल की चर्चा में भाग लेते हुए गिलानी ने खुलासा किया कि विपक्ष के नेता ने जब गोपनीय संदेश मामले को संसद में उठाया तो उन्होंने कहा था कि वह अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत हुसैन हक्कानी को इस्लामाबाद तलब करेंगे और बिना हक्कानी का पक्ष जाने उन पर कार्रवाई नहीं करेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हक्कानी पाकिस्तान लौटे और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शुजा पासा की मौजूदगी में अपना पक्ष रखा.
एक प्रश्न के जवाब में गिलानी ने कहा कि मंसूर एजाज की कोई विश्वसनीयता नहीं है और उसने अपने संदेशों में अन्य संस्थाओं की छवि भी खराब की है.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पार्टी) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए गिलानी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह पार्टी को दगा देने के बजाय राजनीति छोड़ देना पसंद करेंगे. गिलानी ने कहा, 'मैं पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हूं. मैं पार्टी के साथ हूं और पार्टी को दगा देने के बजाय मैं राजनीति छोड़ देना पसंद करूंगा.'