केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को मुंबई की आदर्श कोआपरेटिव सोसायटी की 31 मंजिला विवादित इमारत को पूरी तरह गैरकानूनी बताते हुए सोसायटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और दो हफ्तों में जवाब देने को कहा है.
आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी को तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना 1991 के तहत नियमों के उल्लंघन के मामले में नोटिस थमाया गया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह साबित हुआ है कि आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की 31 मंजिला इमारत के निर्माण में सीआरजेड नियमों का गंभीर तौर पर उल्लंघन हुआ है और पूरी इमारत गैरकानूनी है. इसलिए सोसायटी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि इस अनाधिकृत ढांचे को क्यों न गिरा दिया जाए.’
रमेश ने बताया कि मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें लिखित जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोसायटी के प्रबंधन को हमारे अधिकारियों से मुलाकात के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा. मंत्री के अनुसार इसके बाद मंत्रालय आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगा. {mospagebreak}
रमेश ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि आदर्श (सोसायटी) ने इमारत बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से या केंद्र सरकार से कोई अनुमति नहीं ली है. इसलिए पूरी इमारत गैरकानूनी है.’ उन्होंने संकेत दिया कि यह जमीन राज्य सरकार की है या रक्षा विभाग की है, इससे उनके मंत्रालय को कोई लेना देना नहीं है. रमेश ने कहा, ‘हमारे लिए यह मायने नहीं रखता कि जमीन किसकी है. हमारा (पर्यावरण मंत्रालय का) ताल्लुक यहां तक सीमित है कि इसमें सीआरजेड के तहत नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं.’
उन्होंने कहा कि गुरुवार को दिल्ली में महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों की विस्तार पूर्वक हुई बैठक में यह निष्कर्ष सामने आया कि पूरा ढांचा गैरकानूनी है और इसमें सीआरजेड नियमों का गंभीर उल्लंघन हुआ है. रमेश ने बताया कि इसके संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने नवंबर 2009 में भी सोसायटी को कारण बताओ नोटिस थमाया था. हालांकि इस नोटिस के जवाब और उस पर सरकार की तरफ से कार्रवाई के बारे में पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया. {mospagebreak}
क्या इमारत को पूरी तरह गिराये जाने की कोई संभावना है, इस बारे में संवाददाताओं के सवाल पर पर्यावरण मंत्री ने कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी, हालांकि उन्होंने कहा, ‘नोटिस का जवाब मिलने दीजिए. पहला कदम उठाया गया है. हमारे सामने नियमन को छोड़कर सभी विकल्प खुले हैं.’
मंत्रालय के अधिकारियों ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिस क्षेत्र में आदर्श सोसायटी की 31 मंजिला इमारत बनाई गयी है, वहां अधिकतम नौ मंजिलों के निर्माण की अनुमति मिल सकती है. रमेश ने कहा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं कि यदि उस क्षेत्र में निर्माण की अनुमति मिलती तो अधिकतम नौ मंजिलों की मंजूरी दी जाती.’
इस पर जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या इमारत की 22 मंजिलों को गिराकर शेष बची नौ के नियमन के बारे में सरकार कोई विचार कर सकती है, तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं सिद्धांतत: किसी निर्माण कार्य के नियमन के पक्ष में नहीं हूं. इससे गलत संदेश जाता है.’