मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इंफोसिस प्रमुख नारायणमूर्ति के इस विचार से असहमति जताई है कि आईआईटी की शिक्षा की गुणवत्ता कम हो गई है.
उन्होंने देश में इस तरह के और संस्थान बनाए जाने की हिमायत की. सिब्बल ने एनआईआईटी यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम आईआईटी और आईआईएम जैसे विश्वस्तरीय संस्थान बनाने में सक्षम हैं तथा इन संस्थानों में प्रत्येक सक्षम और आकांक्षी छात्र को पहुंचाने के लिए हमें इस तरह के और संस्थानों की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘नारायणमूर्ति ने जो कुछ कहा, उसे मैं नहीं मानता या उसका समर्थन नहीं करता हूं.’ गौरतलब है कि आईआईटी से पढ़ाई पूरी कर निकलने वाले छात्रों की गुणवत्ता पर मूर्ति ने हाल ही में अप्रसन्नता जाहिर की थी और कहा था कि इन ख्यातिप्राप्त प्रौद्योगिकी संस्थानों में दाखिले की चयन प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है.
सिब्बल ने कहा कि मंत्रालय संभवत: अगले साल तक ‘नेशनल वोकेशनल एजुकेशनल क्वालिफेकशनल फ्रेमवर्क’ स्थापित करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है ताकि छात्र अपनी रुचि के मुताबिक पाठयक्रम का चयन कर सकें.
उन्होंने यह भी कहा कि समूचे मुंबई में 26 नये संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं जहां ग्राफिक्स से जुड़े पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाएगी. उन्होंने कोटा मुद्दे पर पूछे जाने पर कहा, ‘कोटा समाज में बाधा पैदा करने के लिए नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने का जरिया है.