दिल्ली में यात्री किराए में बढ़ोत्तरी किए बिना सीएनजी के दामों में वृद्धि करने के विरोध में शहर के ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालक तीन अगस्त से हड़ताल पर जा रहे हैं. ऑटो और टैक्सी संघ के नेताओं ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सीएनजी की कीमतों में हुई वृद्धि के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे ऑटो संघ के एक सदस्य ने बताया कि सीएनजी के बढ़े हुए दामों को वापस लेने की उनकी मांग को दिल्ली सरकार लगातार अनसुनी कर रही है.
भारत ऑटो-रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र सोनी ने बताया, 'हमने सरकार को एक सप्ताह का वक्त दिया है, अगर इस अवधि में सीएनजी के बढ़े हुए दाम वापस नहीं लिए जाते, तो हम किराया बढ़ा देंगे और तीन अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे. हमने अब तक यह तय नहीं किया है कि हड़ताल कितने दिनों तक चलेगी.'
ऑटो-रिक्शा और टैक्सी संघों ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष सीएनजी के दामों में तीन बार वृद्धि की है. सोनी ने कहा, 'सरकार ने अकेले इस वर्ष सीएनजी के दामों में तीन बार वृद्धि की है. यह अस्वीकार्य है. हम दिल्ली के परिवहन मंत्री और आयुक्त से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें सरकार की तरफ से कोई सहयोग और प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है.'
दिल्ली टैक्सी संघ के अध्यक्ष राज वर्मा ने कहा, 'हम आम आदमी पर किराया वृद्धि और हड़ताल का दबाव नहीं डालना चाहते, लेकिन सरकार हमें ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही है. अगर सरकार हमारी मांगों पर ध्यान देती है और सीएनजी के दामों में वृद्धि को वापस ले लेती है, तो हम दाम नहीं बढ़ाएंगे.'
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने एक जनवरी को सीएनजी के दामों में 1.75 रुपये प्रति किलो की वृद्धि की थी. इसके बाद छह मार्च को फिर से दामों में प्रति किलो 1.90 रुपये और छह जुलाई को प्रति किलो पर 2.90 रुपये का इजाफा किया गया.
ऑटो-रिक्शा संघों ने यह भी दावा किया कि दिल्ली सरकार ने तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा 45,000 नई ऑटो-रिक्शों को परमिट देने के आदेश पर भी अमल नहीं किया गया है. सोनी ने यह भी कहा, 'दिल्ली सरकार ने चालकों की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए एक वेलफेयर बोर्ड बनाने की घोषणा भी की थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है.'