वर्ष 2008 में उत्तर भारतीयों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने राज ठाकरे को 17 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. 2008 के इस मामले में राज ठाकरे द्वारा की गई राष्ट्रविरोधी टिप्पणियों के खिलाफ बिहार के कुछ लोगों ने चार शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद राज ठाकरे के आग्रह पर ये केस सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने केस दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट को सौंप दिया था.
अगर राज ठाकरे कोर्ट में पेश नहीं होंगे तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. कोर्ट ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को भी आदेश दिया है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि राज ठाकरे तक वॉरंट पहुंच जाए.
इससे पहले दिल्ली के एक मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रैट नीरज गौर ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि वह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख के खिलाफ मुकदमा दर्ज करे, क्योंकि उन्होंने बिहारियों को घुसपैठिया करार देते हुए महाराष्ट्र से बाहर फेंक देने का बयान दिया था. राज ने यह भड़काऊ बयान इस साल 31 अगस्त को दिया था.