राजधानी में हर साल करीब एक हजार से ज्यादा भव्य रामलीलाओं का आयोजन होता है. रामलीला को भव्य बनाने के लिए लाखों करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. ऐसी ही भव्य रामलीला का मंचन होता है कड़कड़डूमा में श्री बालाजी रामलीला में. यहां दशहरे से कई दिन पहले ही ताड़का के पुतले का दहन किया गया.
श्री बालाजी रामलीला कमेटी ने बेहद खूबसूरत तरीके ताड़का वध का मंचन किया. श्री बाला जी रामलीला की सबसे बड़ी खासियत है श्रीकांत और ज्योत्सना की जोड़ी का संवाद, जो तमाम कलाकारों की आवाज को बखूबी निभाते हैं.
संस्थापक प्रधान सतीश अग्रवाल ने बताया कि इस बार सीताजी का हरण और दूसरे दृश्यों को हवा में ही उड़ते हुए बेहद सजीव तरीके से दिखाया जायेगा. आने वाले दिनों में यहां रामलीला के मंचन को और भव्य बनाने की तमाम तैयारियां पूरी हैं.