दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने सेमेस्टर प्रणाली को लागू किये जाने के खिलाफ अपनी मौजूदा हड़ताल दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद शुक्रवार को वापस लेने का निर्णय लिया.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने संघ से छात्रों का कैरियर बंधक नहीं बनाने और विश्वविद्यालय के नियमों का पालन करने को कहा था.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ के समक्ष डूटा की ओर से पेश होते हुए उसके वकील ने आश्वासन दिया कि हड़ताल वापस ले ली जाएगी. वकील ने खंडपीठ से कहा कि वह संघ के सदस्यों से आज से ही कक्षाएं लेने की अपील करेंगे.
वकील का कहना था कि शिक्षकों को विश्वविद्यालय के खिलाफ विरोधस्वरूप हड़ताल पर जाने का हक है.
हालांकि खंडपीठ ने वकील से 11 नवंबर को अगली सुनवाई के दिन शिक्षकों की हड़ताल के मुद्दे पर उच्चतम न्यायायल के फैसलों के साथ एक विस्तृत हलफनामा दर्ज करने को कहा.
अदालत प्रो. एम आर गुप्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. प्रो गुप्ता ने 25 अक्तूबर से हड़ताल पर गए शिक्षकों के खिलाफ अदालत से कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने अदालत को बताया कि दिसंबर में विद्यार्थियों की परीक्षा होने जा रही है.
शिक्षक मौजूदा सत्र से विज्ञान पाठ्यक्रमों के स्नातक स्तर पर विश्वविद्यालय द्वारा सेमेस्टर प्रणाली लागू करने का विरोध कर रहे हैं