इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के खिलाफ लगे धन शोधन के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया और कहा कि जांच दो सप्ताह में शुरू हो जानी चाहिए.
उच्च न्यायालय ने यह आदेश समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह की याचिका खारिज करते हुए दिया. सिंह ने याचिका में दो साल पहले अपने खिलाफ कानपुर में दर्ज कराई गई एक प्राथमिकी को चुनौती दी थी. प्राथमिकी में उन पर आरोप लगाया गया था कि जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी तब वह कथित तौर पर कई वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त थे.
न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति एस एस तिवारी की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को जांच दो सप्ताह के अंदर शुरू करने और जांच शुरू होने के एक माह के भीतर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.
सिंह के खिलाफ कानपुर स्थित बाबूपुरवा पुलिस थाने में 15 अक्तूबर 2009 को एक स्थानीय निवासी शिवकांत त्रिपाठी ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और धन शोधन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसी प्राथमिकी को सिंह ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
त्रिपाठी ने भी अदालत से संपर्क किया था और अनुरोध किया था कि मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराई जाए. सिंह और त्रिपाठी की याचिकाओं को नत्थी कर दिया गया और पीठ ने सुनवाई की. इसके बाद 28 मार्च को पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.