लालचौक पर तिरंगा फहराने की भाजपा की योजना पर अपने विरोध को एक बार फिर वाजिब करार देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि अभी देश के समक्ष भ्रष्टाचार सबसे बड़ा विषय है और धीरे-धीरे ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं जो राजनीतिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेंगी.
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितता की जेपीसी से जांच कराने की विपक्ष की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए जद यू नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार को जेपीसी की मांग मान लेनी चाहिए ताकि संयुक्त संसदीय समिति जांच भी करे और संसद की कार्यवाही भी चलती रहे. इससे किसी एक दल को नहीं बल्कि पूरी राजनीति को फायदा होगा.’
यह पूछे जाने पर कि देश में वर्तमान परिस्थितियां बड़े बदलाव का संकेत दे रही हैं, उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार के कारण देश में ऐसी स्थितियां बन रही हैं जो धीरे-धीरे बड़े राजनीतिक बदलाव की ओर बढ़ रही हैं. लोग भ्रष्टाचार से त्रस्त और सजग हो गए हैं.’ {mospagebreak}
यह पूछे जाने पर कि क्या इस बदलाव की बयार में वह राजनीतिक नेतृत्व देने को तैयार हैं, नीतीश ने इसका सीधा जवान देने से बचते हुए कहा, ‘अपने देश की राजनीति में ऐसी व्यवस्था है कि नेता खुद ब खुद उत्पन्न हो जाते हैं. बदलाव हमेशा जनता लाती है और जनता ही अपना नेता चुनती है.’
भाजपा के श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराने के कार्यक्रम के औचित्य पर प्रश्न उठाने के उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथ हमारा गठबंधन है लेकिन कुछ मुद्दों पर हमारी राय अलग अलग है. तिरंगा फहराने पर मेरे बयान का मकसद यह देखना नहीं था कि इससे किसको क्या फर्क पड़ेगा बल्कि कश्मीर के हालात और मौजूदा स्थिति को देखते हुए मेरी भावना की अभिव्यक्ति थी.’
कालाधन के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि भ्रष्टाचार और कालाधन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. भ्रष्टाचार कालेधन की जननी है और इसको समाप्त करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को मिलकर पहल करनी चाहिए. {mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘बिहार में मंत्रियों और सरकारी नौकरी करने वालों के लिए सम्पत्ति की स्वैच्छिक घोषणा करना अनिवार्य बनाया गया है. इसी प्रकार भ्रष्ट तरीके से बनाई गई सम्पत्ति को जब्त कर बच्चों के लिए स्कूल बनाने की भी घोषणा की गई है. राज्य में भ्रष्टाचार प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति बनाई गई है.’
संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के विषय में पूछे जाने पर बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने अपने राज्य में पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है और संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के बारे मेरी निजी राय से सब लोग वाकिफ हैं.’ गौरतलब है कि नीतीश संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के हिमायती हैं लेकिन उनकी पार्टी के अध्यक्ष शरद यादव इसके मुखर विरोधी रहे हैं. {mospagebreak}
आतंकवाद की समस्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद का एकजुट होकर मुकाबला करना सभी की जिम्मेदारी है लेकिन इसका मुकाबला करने के लिए आपसी विश्वास को मजबूत बनाना होगा क्योंकि आतंकवादी और इसका पोषण करने वाले समाज में इसी भेद का फायदा उठाकर अपनी रणनीति को अंजाम देते हैं. नक्सल समस्या के लिए भ्रष्टाचार, समाज में बढ़ते असंतोष और योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचने को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इसका समाधान लोकतांत्रिक तरीके से निकाला जाना चाहिए.