भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि भ्रष्टाचार व्यवस्था का अभिन्न अंग बन गया है, लेकिन अगर जनता भ्रष्ट राजनीतिकों को निर्वाचित करना बंद करदे तो ये स्थिति बदल सकती है.
गडकरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में ‘समाज का कैंसर भ्रष्टाचार’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए कहा कि हालात बदलने के लिए जनता को चुनावों में भ्रष्ट लोगों की बजाय अच्छे मूल्यों और सामाजिक विचारों वालें लोगों को चुनना होगा.
उन्होंने कहा कि राजनीति में आने की इच्छा जताने वाले लोग उनसे जब सलाह लेने आते हैं तो ‘मैं उनसे कहता हूं कि पहले वे अपने करियर, धन कमाने और परिवार की देख-भाल करने जैसे कर्तव्यों को पूरा कर लें और उसके बाद सार्वजनिक जीवन में आएं, क्योंकि ऐसा करने वाला व्यक्ति धन कमाने की नीयत से राजनीति में नहीं आएगा.’
बाद में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पी.जे. थॉमस की केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त पद पर नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द किया जाना सरकार के मुंह पर ‘तमाचा’ है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों के आरोपी थॉमस को यह पद सौंपे जाने की विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज की आपत्तियों को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अगर मान लिया होता तो उन्हें यह शर्मिन्दिगी नहीं उठानी पड़ती.