भाषा सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार के खिलाफ सीबीआई के तर्क पर कांग्रेस ने कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि मामला विचाराधीन है. पार्टी ने कहा कि 1984 में जो हुआ वह काफी दुखदायक था.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘चूंकि मामला सीबीआई की अदालत में है इसलिए टिप्पणी करना उचित नहीं है.’
1984 के सिख दंगों की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत को सीबीआई ने सोमवार को बताया कि दंगों के दौरान लोगों को भयभीत करने में सज्जन कुमार और पुलिस के बीच साठगांठ थी.
बहरहाल तिवारी ने कहा, ‘1984 में जो हुआ वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और अफसोसजनक है. इसलिए कांग्रेस नेतृत्व में प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष ने दो बार इस पर अफसोस जताया.’ यह पूछने पर कि भाजपा शासित गुजरात में मामले के अदालत में होने के बावजूद कांग्रेस दंगा के मुद्दों पर क्यों टिप्पणी कर रही है तो कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मामले में पार्टी ने गुजरात सरकार के प्रणालीबद्ध विफलता के बारे में बात की.
1984 के नरसंहार के दौरान दिल्ली कैंट इलाके में छह लोगों की हत्या मामले में सज्जन कुमार और पांच अन्य व्यक्ति अदालती प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं. 31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगे छिड़े थे. उन पर सिखों की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है.