झारखंड की राजधानी रांची में बुधवार देर रात जन्माष्टमी मनाये जाने के दौरान हिंदपीढी इलाके में लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर हुए विवाद ने सांप्रदायिक संघर्ष का रुप ले लिया और गोलीबारी और पथराव में सात पुलिस कर्मियों समेत कुल 12 लोग घायल हो गये जिसके चलते शहर में भारी तनाव व्याप्त है.
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि बुधवार देर रात हिंदीपीढी के लेक रोड क्षेत्र में श्रीकृष्ण मंदिर समिति ने जन्माष्टमी पर जागरण का आयोजन किया था जहां कलाकार भजन और गायन प्रस्तुत करने वाले थे.
इतने में रमजान माह में तराबी खत्म करने के बाद दूसरे समुदाय के कुछ लोग जागरण के लिए बने पंडाल में पहुंच कर लाउडस्पीकर बंद करने के लिए कहने लगे.
स्थानीय लोगों ने बताया कि विवाद बढते ही एक समुदाय के लोगों ने पडाल में तोडफोड प्रारंभ कर दी और पथराव करने लगे. रात लगभग साढे ग्यारह बजे दोनों पक्ष नारेबारी करने लगे. दोनों पक्षों में पथराव और लगभग दस राउंड गोलाबारी भी हुई जिसमें पांच लोग घायल हो गये.घटना की सूचना मिलते ही बडी संख्या में पुलिस बल और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गये और उन्होंने किसी प्रकार दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत किया. पुलिस को भीड को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग भी करना पडा. भीड के हमले में सात पुलिस कर्मी भी घायल हो गये.
प्रवीण कुमार ने बताया कि घायलों में दो लोगों को कटटे की गोलियां भी लगी है. सभी घायलों को राजेन्द्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है.
कुमार ने बताया कि प्रशासन के लोगों ने पूरी रात स्वयं क्षेत्र का भ्रमण किया और पूरे इलाके में भारी बल की तैनाती की गयी है. उन्होने बताया कि आज सुबह शांति समिति की बैठक की गयी और शांति मार्च निकाला गया जिसमें मेयर सुश्री रमा दोनों समुदायों के वरिष्ठ नागरिक पुलिस एवं प्रशासन के लोगों भी शामिल हुए.
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति है लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और सौहार्द की स्थिति बनाये रखने के लिए हर संभव कदम उठाये जा रहे है. बुधवार के विवाद के सिलसिले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है लेकिन दोषियों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. इस बीच क्षेत्र के लोगों में कृष्ण जन्माष्टमी न मनाये जा सकने को लेकर भारी रोष है.