आरुषि हत्याकांड में अदालत ने उसके माता-पिता राजेश और नूपुर तलवर को आरोपी बनाया. इससे पहले सीबीआई ने मामले को बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की थी. मामले का पूरा घटनाक्रम इस प्रकार है:
16 मई 2008: दंत चिकित्सक राजेश और नूपुर तलवार की पुत्री आरुषि तलवार अपने नोएडा स्थित फ्लैट में अपने शयनकक्ष में मृत पाई गई. उसका गला रेता हुआ था. घरेलू नौकर हेमराज (नेपाली नागरिक) पर हत्या का शक.
17 मई: हेमराज का शव तलवार के मकान की छत पर पाया गया.
18 मई: पुलिस ने कहा कि हत्याएं बेहद सफाई से की गईं. अंदरूनी आदमी का कृत्य होने का संदेह.
19 मई: तलवार के पूर्व घरेलू नौकर विष्णु शर्मा पर संदेह.
21 मई: दिल्ली पुलिस हत्या की जांच में शामिल.
22 मई: परिवार पर झूठी शान की खातिर हत्या करने का संदेह. उस पहलू से जांच शुरू, पुलिस ने आरुषि के उस करीबी मित्र से पूछताछ की जिससे उसने हत्या से पहले 45 दिनों में 688 बार बातचीत की.
23 मई: आरुषि के पिता दोहरी हत्या के आरोप में गिरफ्तार. {mospagebreak}
1 जून: सीबीआई ने मामले की जांच की जिम्मेदारी संभाली.
13 जून: राजेश तलवार के घरेलू नौकर कृष्णा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया.
20 जून: राजेश तलवार का सीएफएसएल, दिल्ली में लाई डिटेक्शन टेस्ट.
25 जून: नूपुर तलवार का दूसरा लाई डिटेक्शन टेस्ट. उनका पहला लाई डिटेक्शन टेस्ट अधूरा.
26 जून: सीबीआई ने इस मामले को ‘ब्लाइंड केस’ घोषित किया. राजेश तलवार को गाजियाबाद में विशेष मजिस्ट्रेट अदालत ने जमानत देने से इनकार किया.
3 जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज किया जिसमें इस मामले के आरोपी के नारको परीक्षण को चुनौती दी गई.
12 जुलाई: राजेश तलवार जमानत पर गाजियाबाद के डासना जेल से रिहा.
5 जनवरी, 2010: सीबीआई ने तलवार दंपति का नारको परीक्षण करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया.
29 दिसंबर: सीबीआई ने मामले को बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की. तीनों घरेलू नौकरों को क्लीनचिट. आरुषि के माता-पिता का हाथ होने का शक जताया.
25 जनवरी 2011: राजेश तलवार पर गाजियाबाद की अदालत के परिसर में हमला.
9 फरवरी: अदालत ने सीबीआई की रिपोर्ट का संज्ञान लिया. आरुषि के माता-पिता पर हत्या और साक्ष्यों को मिटाने का आरोप लगाया.