2जी घोटाला सरकार के लिए हर दिन एक नई मुसीबत खड़ा कर रहा है. 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में वित्त मंत्रालय के ‘नोट’ से उपजे विवाद को समाप्त करने की कवायद में आज शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास पर मुलाकात करने के बाद गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है.
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चिदंबरम ने सोनिया से कहा कि मेरा इस्तीफा पार्टी और देश हित में है. खबरें आ रही हैं कि चिदंबरम ने अपना मंगलवार को उड़ीसा दौरा रद्द कर दिया है.
चिदंबरम को गवाह के तौर बुलाएं: राजा
उल्लेखनीय है कि 2जी घोटाले में तिहाड़ में बंद राजा के वकील ने आज ही कहा कि चिदंबरम को कोर्ट में गवाह के रूप में बुलाया जाए.
चिदंबरम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भी मुलाकात की. मुखर्जी ने अमेरिका से लौटने के कुछ ही देर बाद सोनिया से मुलाकात की. इस मुलाकात के पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि चिदंबरम ‘अहम सहयोगी’ और ‘मजबूत स्तंभ’ हैं.
पिछले सप्ताह इस बारे में विवाद उपजने के बाद चिदंबरम की सोनिया से यह पहली मुलाकात थी. पूरा विवाद प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे एक ‘नोट’ से जुड़ा है, जिसमें तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम के रुख के बारे में जानकारी दी गई थी.
सोनिया ने चिदंबरम से बातचीत के फौरन बाद मुखर्जी से मुलाकात की. इसके पहले मुखर्जी ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अपने दूसरे सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़े विवादास्पद ‘नोट’ पर कुछ कहेंगे.
उन्होंने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा था कि प्रधानमंत्री के न्यूयार्क से लौटने के बाद वह एक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में जानकारी देंगे.
मुखर्जी ने अपने नॉर्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय पहुंचने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘अगर जरूरी हुआ, तो मुझे जो कहना होगा, प्रधानमंत्री के आने के बाद और हमारे बीच इस बारे में विचार-विमर्श के बाद कहूंगा.’ वित्त मंत्रालय के 25 मार्च के इस ‘नोट’ में कहा गया था कि 2 जी घोटाले को टाला जा सकता था, अगर तब वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे चिदंबरम ने 2 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर जोर दिया होता. प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया यह ‘नोट’ कल उच्चतम न्यायालय को सौंपा गया.
कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस नोट से उपजे विवाद को यह कहते हुए कमतर करने की कोशिश की कि इस दस्तावेज पर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और इससे जो निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं, वे ‘सही नहीं’ हैं.