मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के एकमात्र जीवित बचे आतंकी अजमल कसाब को सजा-ए-मौत दिए जाने में हो रही देरी की लोकसभा में आलोचना किये जाने पर गृह मंत्री पी चिदंबरम ने तल्ख लहजे में कहा कि देश में कानून का शासन है और कसाब को गोली नहीं मारी जा सकती.
गृह मंत्रालय की 2012-13 की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान शिवसेना के आनंदराव अड़सूल ने जब कहा कि मुंबई हमलों के आरोपी कसाब को सजा नहीं दी जा रही है तो चिदंबरम ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी.
उन्होंने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘बार-बार कसाब की बात कही जा रही है. हमारे पास दो ही व्यवस्थाएं होती हैं, एक कानून के शासन में रहना और दूसरा कानून के शासन से बाहर जाकर काम करना.’ चिदंबरम ने कहा कि अगर आप कानून के शासन से बाहर की बात करते हैं, तो कसाब को पकड़ कर उसे गोली मार दीजिए. लेकिन कानून के शासन की बात करते हैं तो कानून उसे दोषी करार दे चुका है. उच्च न्यायालय ने उसकी सजा को बरकरार रखा है.
गृह मंत्री ने कहा कि अब उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह उसकी अपील पर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है और उसकी अपील लंबित है.