केंद्र ने मध्यप्रदेश में रोगियों पर किए गए विवादास्पद औषधि परीक्षण को लेकर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और उससे इस कार्य में संलिप्त चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने को कहा.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘केंद्र द्वारा भेजी गई जांच समिति ने अनियमितता पाई और हमने राज्य सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा कि ऐसा क्यों हुआ? उनसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा.’ उन्होंने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम से बाद कहा कि राज्य सरकार ने भी इस घटना की जांच की है.
गौरतलब है कि इंदौर आधारित दो चिकित्सकों ने ‘मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया’ और ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किए बगैर औषधि का परीक्षण किया.
उन्होंने एक अलग सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र ने मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की उम्र 60 से बढ़ाकर 70 साल कर दी है. लेकिन राज्यों ने इसका पालन नहीं किया है. शिक्षकों की कमी के मद्देनजर ऐसा किया गया है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कन्या भ्रूण हत्या और बालिका की उपेक्षा पर गहरा दुख प्रकट किया. उन्होंने इस बुराई की समाप्ति के लिए चिकित्सकों से और अधिक सक्रिय भूमिका की मांग की.