वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने डीजल की दोहरी मूल्य प्रणाली की संभावना से स्पष्ट इनकार किया है. ऐसी चर्चा थी कि सरकार कार मालिकों के लिये डीजल महंगा कर सकती है.
दो दशकों के आर्थिक सुधारों पर सीआईआई के समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि डीजल के दोहरे मूल्य के बारे में किसी तरह का प्रस्ताव नहीं है.
वित्त मंत्री ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि कर राजस्व में किसी तरह की कमी की भरपाई के लिए शुल्कों में बढ़ोतरी का भी कोई प्रस्ताव नहीं है. पिछले कुछ दिनों से इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं.उन्होंने कारपोरेट जगत की इन आशंकाओं को भी खारिज कर दिया कि आर्थिक सुधार रुक जाएंगे.
वित्त मंत्री ने कहा कि यह सही है कि कई बार सुधारों की प्रक्रिया राजनीतिक गतिविधियों की बंधक बन जाती है. यह हमारे लोकतंत्र और राजनीति की प्रकृति है.
वित्त मंत्री ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद प्रमुख राजनीतिक दल अधिकांश मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं. मुखर्जी ने कहा कि मुझे यह कहने में जरा भी हिचक नहीं है कि भारत में आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी.
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को ऐसा नहीं सोचना चाहिये कि सरकार किसी भी समय वापसी की दिशा में कोई नीतिगत कदम उठायेगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि हमें वित्तीय क्षेत्र के नीतिगत सुधारों की गहराई बढ़ानी होगी, जिससे आर्थिक नियामक ढांचे में अंतर को भरा जा सके। सरकार ने महत्वपूर्ण कानूनी एजेंडा बनाया है, हमें उम्मीद है कि चालू संसद सत्र में इसे आगे बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि वह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर कारोबारी धारणा को सुधारने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करे.
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