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केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल संभव, कांग्रेस शासित राज्यों में बदलेंगे मुख्यमंत्री

केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और कांग्रेस शासित कुछ राज्यों में मुख्यमंत्रियों के बदले जाने की संभावना जताई जा रही है.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और कांग्रेस शासित कुछ राज्यों में मुख्यमंत्रियों के बदले जाने की संभावना जताई जा रही है.

सूत्रों ने बताया कि केंद्र में चार प्रमुख मंत्रालयों (गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय) में किसी बदलाव होने की संभावना नहीं है. बहरहाल, कुछ नये लोग शामिल किए जाएंगे और मंत्रियों के प्रभार में कुछ बदलाव हो सकता है.

उन्होंने बताया कि कुछ मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय का प्रभार है. उन्हें अतिरिक्त प्रभार से राहत दी जा सकती है. वीरप्पा मोइली और वायलार रवि जैसे मंत्रियों के पास क्रमश: कंपनी मामले और उर्जा तथा प्रवासी मामले और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दोहरे प्रभार हैं.

सुशील कुमार शिंदे के गृहमंत्री बनने के बाद मोइली को उर्जा मंत्रालय का प्रभार मिला था जबकि विलासराव देशमुख के निधन के बाद रवि को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार मिला था. मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के पास संचार मंत्रालय का उस वक्त से प्रभार है, जब द्रमुक के ए राजा को स्पेक्ट्रम आवंटन विवाद के मद्दनेजर नवंबर 2010 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कुछ मंत्रियों को पार्टी संगठन में भेजे जाने की बात की जा रही है. द्रमुक के प्रतिनिधि राजा और दयानिधि मारन के दो साल से भी कम समय के अंदर इस्तीफा देने से दो मंत्री पद रिक्त हो गए.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के चार दिवसीय पश्चिम बंगाल यात्रा से सोमवार को राजधानी लौटने पर अगले कुछ दिनों में मंत्रियों के प्रभार में बदलाव देखने को मिल सकता है.

आम चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के बदले जाने की अटकलें हैं.

आंध्र प्रदेश के एन किरण कुमार रेड्डी, महाराष्ट्र के पृथ्वीराज चव्हाण और राजस्थान के अशोक गहलोत को हटाये जाने की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उच्च पदस्थ सूत्रों से अब तक कोई फैसला नहीं किए जाने की जानकारी मिली है.

समझा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्रियों को केंद्र की सरकार में या कांग्रेस सचिवालय में रखने के बारे में सोच रही है.

मुख्यमंत्रियों के विरोधियों ने दलील दी है कि अगले चुनाव में जीत दिलाने के लिए वे पार्टी का सफलतापूर्वक नेतृत्व नहीं कर सकते हैं. राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2013 के अंत में होने का कार्यक्रम है, जबकि आंध्रप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2014 के आम चुनाव के साथ होंगे. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आमचुनाव के बाद 2014 में अक्तूबर तक होने का कार्यक्रम है.

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आंध्रप्रदेश ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस सिर्फ अपने बूते सत्ता में है लेकिन पार्टी के कद्दावर नेता वाईएस राजशेखर रेड्डी की मृत्यु के बाद वाईएसआर कांग्रेस के उभरने और तेलंगाना राज्य के गठन के मुद्दे पर हुए घमासान के चलते पार्टी को वहां संकट का सामना करना पड़ रहा है.

कुछ महीने पहले 18 विधानसभा सीटों पर उप हुए उपचुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन ने दिल्ली में खतरे की घंटा बजा दी. ये अटकलें लगाई जा रही है कि केंद्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी किरण कुमार का स्थान ले सकते हैं लेकिन पेट्रोलियम मंत्री ने इस तरह के किसी कदम से अनभिज्ञता जताई. जयपाल रेड्डी तेलंगाना क्षेत्र से हैं.

आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को 2004 और 2009 के आम चुनाव में मिली जबरदस्त जीत ने कांग्रेस के केंद्र में मुख्य दल के रूप में उभरने में मदद की थी, जिससे 2004 में राजग सत्ता से बाहर हो गया था.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अपनी साफ सुथरी छवि को लेकर जाने जाते हैं लेकिन इस साल के शुरुआत में मुंबई के स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली शिकस्त के बाद से वह दबाव में हैं. इस साल के शुरुआत में चव्हाण को आगाह करने के तहत कांग्रेस आलाकमान ने उनसे फौरन अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने को कहा था.

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राकांपा सहित उनके विरोधियों का कहना है कि सिर्फ ईमानदारी से काम नहीं चलेगा. हमें कार्यक्षमता भी चाहिए. फैसले किए जाने चाहिए और फैसले होते हुए दिखने चाहिए.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद प्रधानमंत्री कार्यालय की तरह काम नहीं कर सकता. राज्यों में जब तक आप फैसले नहीं करते तब तक चीजें नहीं होती है.

यह टिप्पणी काफी मायने रखती है क्योंकि चव्हाण नवंबर 2010 में मुख्यमंत्री बनाये जाने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री थे.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इस बात को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि वह फैसले लेने में देर करते हैं.

उन्हें हटाये जाने की बात कहे जाने पर वह सिर्फ यही कहते हैं, ‘आलाकमान ने मुझे कुछ कार्य करने के लिए भेजा है मैं उसे कर रहा हूं.’

गौरतलब है कि सोनिया गांधी के विदेश से लौटने के बाद आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के नेताओं ने उनसे मुलाकात की है.

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