वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा लोकसभा में वर्ष 2012-13 के लिये पेश आम बजट को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निराशजनक और बेकार बताया है.
पटना में संवाददाताओं से मुखर्जी द्वारा लोकसभा में पेश आम बजट को नीतीश ने निराशजनक बताते हुए कहा कि इस बजट में कुछ नहीं है.
उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था मानो यह ‘लेम डक’ सरकार का बजट है, जिनको मालूम है कि आगे क्या होना है. नीतिश ने कहा कि पूरे बजट में उन्हें कोई तत्व-तथ्य नजर नहीं आया सिर्फ बातें बनायी गयी हैं. उन्होंने कहा कि बढती मंहगाई की कोई चिंता नहीं है और किसी को कोई राहत नहीं है. इस बजट में क्षेत्रीय विषमता को दूर करने के लिए कोई पहल नहीं की गयी है.
उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों से केंद्र सरकार कह रही है कि देश के पूर्वी हिस्से में दूसरी हरित क्रांति आएगी और इसके लिए इन्होंने पिछले वर्ष बहुत मामूली सा आवंटन 400 करोड़ रूपये दिया.
नीतीश ने कहा कि इसबार वित्तमंत्री ने स्वीकारा है कि पूर्वी क्षेत्रों में उत्पादन में वृद्धि हुई है. इसके बावजूद उक्त राशि में नाममात्र की वृद्धि की गयी है और 400 करोड़ रूपये को बढ़ाकर एक हजार करोड़ रूपये किया गया है.
नीतीश ने कहा कि बिहार को तो उसमें से मुश्किल से पचास करोड़ रूपये भी नहीं मिल पाता था. ऐसे में हजार करोड़ रुपये में थोडी ही राशि मिल पाएगी. उन्होंने कहा कि इसके भरोसे कोई दूसरी हरित क्रांति आ जाएगी ऐसा नहीं प्रतीत होता. बिहार में कृषि रोडमैप बनाया, उस पर काम किया, किसानों में नया उत्साह पैदा हुआ, धान और आलू के उत्पादकता का रिकार्ड तोड़ रहे हैं, लेकिन इसकी कोई सराहना नहीं और उसके लिए कोई सहायता की भी बात नहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तमंत्री से मिलकर उन्होंने पूरी स्थिति से अवगत कराया था और बिहार के पुनर्गठन के बाद जो विशेष सहायता थी, उसमें भी वृद्धि करने का संकेत उनके बजट भाषण में नहीं दिखा.
नीतीश ने कहा कि इस बजट में बहुत आगे की कुछ बातें की गयीं है, लेकिन अभी की चुनौतियां एवं समस्याओं के बारे में कुछ नजर नहीं आया, चाहे वह क्षेत्रीय विषमता का प्रश्न हो, कृषि के क्षेत्र में जो संभावनाएं हों उसका हो, किसी चीज के बारे में कोई बात हमें नजर नहीं आयी. इसलिए मुझे निराशा हाथ लगी है.
नीतीश ने कहा कि देश में जो मुद्रास्फीति की दर है और मंहगाई बढ रही है; ऐसे में जो प्रत्यक्ष करों में जो कुछ राहत दी गयी है वह मामूली है और उससे किसी को कोई फायदा नहीं पहुंचने वाला है. उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी या निम्न मध्यमवर्ग के लोगों को कोई फायदा नहीं मिलेगा.
उन्होंने कहा कि इस बजट में अगर वे किसी संस्थान या क्षेत्र को मदद कर रहे हैं तो उसमें बिहार नहीं दिखाई पड़ा.