देश पर जान न्यौछावर करने वाले शहीदों का घोर अपमान हुआ है. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में शहीद जवानों के साथ जो हुआ उसे देखकर तो यहीं कहा जा सकता है.
शहीद पुलिसवालों की डेडबॉडी को घटनास्थल से कचरा उठाने वाली गाड़ी में रखकर पुलिस लाइन लाया गया. सामान्यत शवों को ताबूतों में रखकर पुलिस गाड़ी में लाया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस के शहीद जवानों को नगरपालिका की कचरा उठाने वाली गाड़ी ही नसीब हुई.
सीजी 18 एच 0374 नंबर वाली गाड़ी में रखकर ही शहीदों के शवों को दंतेवाड़ा के कारली पुलिस लाइन लाया गया. तिरंगे से लिपटे शहीदों के ताबूतों को इस पर रखने से पहले ना तो कचरागाड़ी की सफई की गयी थी और ना ही इस धोया गया था.
दंतेवाड़ जिले के किरंदुल के पास पटेल पारा के जंगल में नक्सली लैंडमाइन विस्फोट में आरक्षक लक्ष्मण भगत, अल्सन एक्का और भूषण मरावी शहीद हुए थे. घटना में एक टाउन इंस्पेक्टर भी शहीद हुआ था, हालांकि उसके शव को सीधे उसके गांव ले जाया गया था.