प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय दिलाने तथा यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वारेन एंडरसन के खिलाफ मामले को तेज करने का अनुरोध करते हुए कार्यकर्ताओं के एक समूह ने यहां भारतीय दूतावास के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया.
डाव कैमिकल्स और यूनियन कार्बाइड के खिलाफ नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने भोपाल गैस त्रासदी मामले में हाल ही में आए अदालत के फैसले के विरोध में तख्तियां ले रखी थीं. यह प्रदर्शन कल भारतीय दूतावास में गांधी की प्रतिमा के सामने किया गया.
कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री से एक विशेष अभियोजन प्रकोष्ठ बनाने का अनुरोध किया ताकि एंडरसन, यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन एंड यूनियन कार्बाइड ईस्टर्न के खिलाफ मामला तेजी से चलाया जा सके. उन्होंने भारत में विदेशी आरोपियों के खिलाफ सुनवाई के लिए उन्हें इस प्रकोष्ठ में पेश किये जाने का अनुरोध किया.
ज्ञापन में डाउ कैमिकल्स का भारत में कारोबार काली सूची में डालने और यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि यूनियन कार्बाइड के साथ मिल कर कंपनी भोपाल में प्रदूषित स्थल की सफाई के लिए भुगतान करे ओर प्रभावितों को मुआवजा दे.
मैरीलैंड विश्वविद्यालय की पीएचडी छात्र लक्ष्मी गोरेपति ने कहा ‘‘फैसला बहुत देर से आया और भारतीय आरोपियों को जो सजा सुनाई गई वह बहुत कम है. इस स्तर पर भ्रष्टाचार को देख कर लोग स्तब्ध हैं.’’