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इस साल होंगे 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव

इस वर्ष केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनावी तैयारियों को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय की चुनाव आयोग से चर्चा शुरू हो चुकी है.

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इस वर्ष केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनावी तैयारियों को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय की चुनाव आयोग से चर्चा शुरू हो चुकी है. उम्मीद है कि केन्द्र सरकार शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के उद्देश्य से अर्धसैनिक बलों के 50 हजार से अधिक जवान तैनात करेगी.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि आयोग के साथ चुनावों के दौरान तैयारियों और सुरक्षा इंतजाम को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि फिलहाल औपचारिक चर्चा नहीं हो रही है, लेकिन मंत्रालय के आला अधिकारी अनौपचारिक रूप से चुनाव आयोग के साथ बातचीत कर रहे हैं.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग के अपने आकलन के बाद हम उसके साथ औपचारिक बातचीत कर सुरक्षा योजना को अंतिम रूप देंगे.’’ उन्होंने बताया कि आयोग की टीम इन राज्यों का दौरा कर राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श कर रही है और उसके बाद चुनाव कार्यक्रम और सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर गृह मंत्रालय के साथ औपचारिक चर्चा की जाएगी.

सूत्रों ने बताया कि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग चरणों में होने वाले चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस की मदद के लिए केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती चुनावी चरणों और क्षेत्रों की संवेदनशीलता के आधार पर की जाएगी.{mospagebreak}

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तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल के अलावा असम और पुडुचेरी में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल के चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, जहां संप्रग-2 के घटक दल तृणमूल कांग्रेस का सत्ताधारी वाम मोर्चे से मुकाबला है. माओवादी हिंसा और राजनीतिक संघर्ष का सामना कर रहे पश्चिम बंगाल में संभवत: अर्धसैनिक बलों की सबसे अधिक कंपनियां तैनात करनी पडें. उम्मीद की जा रही है कि वहां केन्द्रीय बलों के कम से कम 20 हजार जवानों की तैनाती होगी.

उग्रवाद प्रभावित असम भी बंगाल के बाद सुरक्षा के लिहाज से गृह मंत्रालय की सूची में दूसरे नंबर पर है. तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी अर्धसैनिक बलों के अतिरिक्त जवान भेजे जाएंगे, क्योंकि इन राज्यों के कुछ हिस्से संवेदनशील माने जा रहे हैं.

गृह मंत्रालय ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशकों से कहा है कि वे इस बात का आकलन करें कि चुनावी ड्यूटी के दौरान कितने हजार जवान वे मुहैया कराने की स्थिति में होंगे.

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