निचले असम के जिलों में हिंसा की ताजा घटनाओं की खबरें मिली है और अब तक कुल 73 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, सरकार ने जातीय हिंसा की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की.
असम के पुलिस महानिरीक्षक (कानून और व्यवस्था) एल आर विश्नोई ने बताया कि बुरी तरह प्रभावित कोकराझार जिले में सोमवार देर रात रानीबुली गांव में लोगों के एक समूह पर कुछ लोगों द्वारा की गयी गोलीबारी में तीन व्यक्ति मारे गये और दो अन्य घायल हो गये. पड़ोसी चिरांग जिले में मंगलवार को एक और शव मिला.
कोकराझार जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा हुआ है, जबकि इसके पड़ोसी चिरांग जिले में भी चौबीस घंटे का कर्फ्यू जारी है. कोकराझार, चिरांग और धुबरी जिलों में सुबह सेना ने फ्लैग मार्च किया.
बहरहाल, असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने घटनाओं की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. अब यह केन्द्र पर है कि वह इसे गठित करने के लिए अंतिम निर्णय करे.’ उन्होंने कहा कि हिंसा में 73 लोग मारे जा चुके हैं. गोगोई के अनुसार इन जिलों में ‘आतंरिक और बाहरी ताकतें काम कर रही हैं.’
अधिकारियों ने बताया है कि सबसे ज्यादा प्रभावित कोकराझार जिले में 47, चिरांग में 17 और धुबरी में चार लोग मारे गए हैं, जबकि पिछले माह पांच लोग पुलिस गोलीबारी में मारे गए थे.
बांग्लादेशी घुसपैठियों के राहत शिविरों में होने की शिकायतों पर गोगोई ने कहा, ‘हमें रिपोर्टें मिली हैं कि अन्य राज्यों तथा बीटीएडी के समीप के इलाकों के लोग शिविरों में गैर कानूनी ढंग से शरण ले रहे हैं. जानकारियों की पुष्टि की जायेगी और हम बाहरी लोगों के पुनर्वास को स्वीकृति नहीं देंगे. केवल वास्तविक भारतीय नागरिकों का ही पुनर्वास किया जायेगा.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि 173 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा जरूरत पड़ने पर और ऐहतियाती गिरफ्तारियां की जा सकती हैं. प्रभावित जिलों में अर्ध सैनिक बलों की 65 कंपनियों को तैनात किया गया है.
गोगोई ने कहा कि राहत शिविरों में सात बच्चों सहित 16 लोगों की जान गयी है. पुलिस ने बताया है कि कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले तीन व्यक्तियों के मारे जाने पर 500 लोगों के एक समूह ने बेलटोली में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को बंद कर दिया और सीआरपीएफ पर पथराव किया जिससे दो जवान घायल हो गए.