बिहार के रोहतास जिले में कैमूर वन्य क्षेत्र में नक्सलियों के आतंक के कारण विस्थापित वनवासियों को सशक्त करने के लिए सरकार ने भाकपा माओवादियों के खिलाफ मुहिम में हथियारों के 61 लाइसेंस जारी किये हैं.
बीते वर्ष 30 जुलाई को और उसके बाद कैमूर वन्य क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा पांच लोगों की हत्या, 21 घरों में आगजनी और 13 लोगों की पिटाई के बाद रोहतास, नौहट्टा और चेनारी प्रखंड के करीब 500 वनवासी परिवार भाकपा माओवादियों के डर के कारण चेनारी में आधार शिविर में रह रहे हैं. वे कई बार सरकार से सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं.
जिला प्रशासन ने वनवासियों की गुहार पर 61 पुरुषों को बंदूक का लाइसेंस जारी किया है जिसमें से 12 लोगों ने हथियार खरीद कर शुक्रवार को सत्यापन कराया. पहली बार इतनी बडी संख्या में प्रशासन ने शस्त्र के लाइसेंस प्रदान किये हैं.
वनवासियों का नक्सलियों के खिलाफ नेतृत्व करने वाले कैमूरांचल विकास मोर्चा के अध्यक्ष सुग्रीव खरवार ने बताया कि आत्मरक्षार्थ हथियार के लाइसेंस मिलने से ग्रामीणों का मनोबल बढे़गा. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज होगी.
उन्होंने कहा कि अभी चार पांच गांव के लोगों ने ही हथियार खरीदा है. पहले नक्सलियों से गांव को मुक्त कराया जाएगा और उसके बाद परिवार के लोग अपने अपने घरों को लौटेंगे.
हथियारों के दुरुपयोग की आशंका के बारे में पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने कहा कि जो लोग शस्त्र लाइसेंस के नियम का पालन नहीं करेंगे उनकी मंजूरी रद्द कर दी जाएगी.
जिलाधिकारी अनुपम कुमार के अनुसार वनवासियों के मन से असुरक्षा की भावना दूर करने के लिए लाइसेंस जारी किये गये हैं. हथियारों का समुचित तरीके से सत्यापन किया गया है.