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आखिर क्‍या है महाप्रलय के दावे का सच?

क्या अब से चंद घंटों में दुनिया खत्म होने वाली है. 21 मई को कायमत का दिन बताया जा रहा है. एक अमेरिकी धर्म प्रचारक ने दावा किया है कि अमेरिकी समय के मुताबिक 21 मई की शाम 6 बजे कयामत आने वाली है.

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क्या अब से चंद घंटों में दुनिया खत्म होने वाली है. 21 मई को कायमत का दिन बताया जा रहा है.

एक अमेरिकी धर्म प्रचारक ने दावा किया है कि अमेरिकी समय के मुताबिक 21 मई की शाम 6 बजे कयामत आने वाली है. यानि धर्म प्रचारक की मानें तो सिर्फ 8 घंटे की मोहलत है इंसानी सभ्यता के लिए.

इस दावे के बाद दुनिया भर में कयामत पर एक बड़ी बहस शुरु हो गई है क्योंकि ये सवाल है दुनिया भर के 6 अरब लोगों की जिंदगी का.

अमेरिका से उठी एक अफवाह ने लाखों लोगों के जेहन में डर बिठा दिया है दुनिया के खात्मे का. अफवाह ये है कि अगले चंद घंटों में दुनिया के खात्में की शुरुआत होने वाली है. आज की तारीख को नाम दिया गया है जजमेंट डे यानि न्याय का दिन. वो दिन जब जीसस क्राइस्ट धरती पर उतरेंगे और दुनिया के सर्वनाश की शुरुआत करेंगे.

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हैरानी है कि इस अफवाह की शुरुआत दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका से हुई है और इस पर भरोसा करने वाले भी सबसे ज्यादा उसी देश में हैं.

एक अमेरिकी धर्म प्रचारक हैरल्ड कैंपिंग ने भविष्यवाणी की है कि अमेरिकी समय के मुताबिक 21 मई की शाम 6 बजे दुनिया के खात्में की शुरुआत होगी और अगल पांच महीने तक पूरी दुनिया कभी जलजला तो कभी भूकंप जैसी आपदाएं झेलती रहैगी. ये पांच महीनें इंसान की जिंदगी के सबसे मुश्किल पल होंगे. इन पांच महीनों में पूरी इंसानी सभ्यता खत्म हो जाएगी.

फैमिली रेडियो चलाने वाले कैंपिंग ने बाकायदा जजमेंट डे के नाम से पूरी दुनिया में पोस्टर्स और होर्डिंग्स लगवा कर अपनी भविष्यवाणी का ऐलान किया. अफवाह फैलाने के लिए इंटरनेट का भी खूब सहारा लिया गया. लोगों में डर बिठाने के लिए इंटरनेट पर बाकायदा खात्में की शुरुआत के लक्षण भी बताए गए हैं. हद तो ये है कि दुनिया भर में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को भी, दुनिया के खात्में के लक्षणों से जोड़ दिया गया है.

लोगों को अपनी भविष्यवाणी में यकीन दिलाने के लिए कैंपिंग ने बाइबिल पर रिसर्च का हवाला दिया है. कैंपिंग का दावा है कि 70 साल तक बाइबिल पर रिसर्च करने के बाद उन्हें दुनिया के खात्में की तारीख समझ में आई.

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कैंपिंग के दावे में यकीन करने वालों की तादात भी लाखों में है. पिछले चंद दिनों से ये लोग सड़कों पर उतर आए हैं. बाकायदा जजमेंड डे के पोस्टर्स और टीशर्ट्स पहन कर इस अफवाह को हवा दे रहे हैं. उनके जेहन में ये खयाल घर कर चुका है कि वो ऐसा प्रचार कर लोगों के आने वाली आपदा से जागरूक कर रहे हैं.  इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि 21 मई की तारीख दुनिया के कई देशों में दहशत की तारीख बन गई है.

कैंपिंग की मानें तो अगले चंद घंटों में जीसस क्राइस्ट दुबारा धरती पर आएंगे और तभी तबाही की शुरुआत होगी. दुनिया के दो फीसदी अच्छे लोगों को जीसस तुरंत स्वर्ग भेज देंगे. ये वो लोग होंगे जिन्होंने कभी कोई बुरा काम नहीं किया. बाकी आबादी धरती पर ही अगले 153 दिनों तक हर रोज़ मौत के खौफ का सामना करती रहेगी. कैंपिंग की थ्योरी के मुताबिक 21 मई से शुरु हुई विनाश लीला 21 अक्टूबर तक धरती पर से इंसान का नामोनिशान मिटा देगी.

कैंपिंग को भी मालूम हैं कि उनके दावे बड़े हैं, अपने दावों को सच्चा साबित करने के लिए उन्होंने कई नई थ्योरियां गढ़ी हैं लेकिन वैज्ञानिक, भूगर्भ शास्त्री और दूसरे धर्म गुरु उनकी इन थ्योरियों पर यकीन करने को तैयार नहीं. कैंपिंग की इस थ्योरी को महज लोगों को डराने भर का एक और जरिया माना जा रहा है.

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