भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाले अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल से अपना रास्ता उस रोज अलग कर लिया जिस दिन केजरीवाल ने पार्टी पोल्टिक्स का एलान किया था. लेकिन फर्रुखाबाद में लहराए जाने वाले पोस्टरों पर केजरीवाल के साथ अन्ना भी नजर आए.
अब सवाल है कि पोस्टर पर अन्ना की मौजूदगी का मतलब क्या है. जिस अन्ना हजारे को अरविंद केजरीवाल अपना गुरु और मार्गदर्शक मानते हैं, वो अन्ना फर्रुखाबाद से करीब 1400 किलोमीटर दूर अपने गांव रालेगण सिद्धि में हैं.
उस अन्ना ने खुद को केजरीवाल के सियासी हुंकार और घमासान से भले ही महीनों पहले खुद को दूर कर लिया है, लेकिन केजरीवाल के समर्थकों ने पोस्टर पर इस दूरी को पाट दिया है. इंडिया अगेंस्ट करप्शन के पोस्टर पर केजरीवाल के साथ अन्ना की तस्वीर चिपका रखी है.
फर्रुखाबाद की तरह ही कानपुर में भी ऐसे पोस्टर मिले, जिसमें अन्ना और केजरीवाल एक साथ दिखाई पड़ रहे हैं. ये पोस्टर इसलिए चौंका रहे हैं कि जिस वक्त केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान किया था, तभी अन्ना ने केजरीवाल एंड पार्टी से अपनी दूरी का भी एलान कर दिया था.
अन्ना ने दो टूक ये कह दिया था कि केजरीवाल की राजनीति में उनकी तस्वीर तक का भी इस्तेमाल नहीं होगा. अन्ना राजनीति की धमाचौकड़ी से खुद को भले ही अलग रखना चाहते हैं. लेकिन अपने पीछे खड़े मजमे के बावजूद केजरीवाल को यही लगता है कि बगैर अन्ना के सियासी नैया पार लगाना भी आसान नहीं होगा.