गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि प्रभावी लोकपाल पर बातचीत के लिए प्रधानमंत्री को अपना प्रतिनिधि भेजना चाहिए. उनकी सहयोगी किरण बेदी ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने सरकार के साथ किसी भी तरह की बातचीत को अफवाह करार दिया.
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने कोलकाता में कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक पर चर्चा के लिए तैयार है.
टीम अन्ना की प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने हजारे के हवाले से कहा, ‘सरकार को जन लोकपाल बिल पर बातचीत के लिए आगे आने दीजिए. प्रधानमंत्री को अपना प्रतिनिधि भेजने दीजिए.’ उन्होंने ट्विटर पर भेजे अपने पोस्ट में भी दोनो पक्षों के बीच किसी तरह की बातचीत से इंकार किया और लिखा, ‘किसी तरह की बातचीत की बात अफवाह है.’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को सुबह कहा कि सरकार लोकपाल बिल पर ‘तर्कसंगत बहस’ के लिए तैयार है और इसका मुआयना कर रहा संसदीय पैनल परिवर्तनों का सुझाव दे सकता है.
कोलकाता में भारतीय प्रबंधन संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह में सिंह ने कहा, ‘हम इन तमाम मामलों पर तर्कसंगत बहस के लिए तैयार हैं.’ मजबूत लोकपाल विधेयक की मांग के समर्थन में अन्ना का अनशन आज सातवें दिन में प्रवेश कर गया. उनके साथियों ने उनकी गिरती सेहत को लेकर चिंता जताई है.
उनके साथियों ने जोर देकर कहा कि उनका सरकार गिराने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन साथ ही हजारे की इस बात को दोहराया कि अगर 30 अगस्त तक विधेयक मंजूर नहीं हुआ तो अनशन जारी रहेगा.
हजारे के अनशन को 150 घंटे से अधिक समय बीत चुका है. 73 वर्षीय गांधीवादी समाज सुधारक के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए रामलीला मैदान में हजारों लोगों का तांता लगा है. अन्ना ने 16 अगस्त को पुलिस की हिरासत में अपना अनशन शुरू किया था.
अन्ना के आंदोलन पर विशेष कवरेज
टीम अन्ना का कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से बातचीत के बारे में कोई संदेश नहीं मिला.