अन्ना हजारे के करीबी सहयोगी रहे सुरेश पठारे ने उनका साथ क्या छोड़ा, इस पर तल्ख बयानबाजी का दौर शुरू हो गया.
क्या अन्ना ने पठारे को बाहर निकाला?
अन्ना हजारे के पूर्व ब्लॉग लेखक राजू पारुलेकर ने आरोप लगाया है कि सुरेश पठारे को अन्ना ने ही बाहर का रास्ता दिखाया है. दूसरी ओर, राजू के आरोपों के उलट सुरेश पठारे ने कहा है कि उन्होंने इस्तीफा दिया है.
अन्ना हजारे के पुराने सहयोगियों का उनसे अलग होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब अन्ना के करीबी रहे सुरेश पठारे ने उनसे किनारा कर लिया है.
निजी कारणों से छोड़ा साथ
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे के सहयोगी सुरेश पठारे ने निजी कारणों का हवाला देते हुए उनका साथ छोड़ दिया. पठारे ने ट्विटर के जरिए जानकारी दी, ‘मैंने निजी कारणों से अन्ना जी के दफ्तर से इस्तीफा दे दिया.’ उन्होंने कहा, ‘मैं निजी कारणों से अन्ना के साथ काम नहीं कर पाऊंगा, इसलिए मैंने इस्तीफा सौंपा है.’
मीटिंग में जरूर भाग लेते थे पठारे
गौरतलब है कि अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों में पठारे की अनिवार्य उपस्थिति रहती थी. देखना है कि अन्ना का आंदोलन आगे क्या रंग लाता है.