अजमेर की एक अदालत ने सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह परिसर में 2007 में हुए बम धमाके के आरोपी स्वामी असीमानंद को न्यायिक हिरासत में और उनके सहयोगी भरत भाई को पूछताछ के लिए आठ दिन की रिमांड पर आतंककारी निरोधक प्रकोष्ठ (एटीएस) को सौप दिया है.
एटीएस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र सिंह के अनुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कल स्वामी असीमानंद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया और भरत भाई को आठ दिन की रिमांड पर एटीएस को सौप दिया.
उन्होंने बताया कि पूछताछ में भरत भाई ने वलसाड (गुजरात) में मकान के मुहूर्त के दौरान और इसके बाद इंदौर में स्वामी असीमानंद से मुलाकात की बात स्वीकार की है. उन्होंने बताया कि भरत भाई ने दुबई में नौकरी करने की जानकारी दी है. एटीएस उसके संपर्कों और बैंक खातों की जानकारी जुटा रहा है.
एटीएस सूत्रों के अनुसार यह जांच की जा रही है कि भरत भाई के बैंक खाते से निकाली गई राशि का उपयोग अजमेर धमाके में हुआ या नहीं.