लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने देश में मध्यावधि चुनाव की संभावना जताई है.
जिला निगरानी एवं सतर्कता समिति की बैठक में भाग लेने आयीं सुषमा स्वराज ने मीडियाकर्मियों से कहा कि देश की राजनीति हर दिन बदल रही है और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है.
सुषमा स्वराज ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास अपना बहुमत साबित करने के लिये 272 का जादुई आंकडा नहीं रह गया है तथा वह मात्र 227 सांसदों पर टिकी हुई है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र में सरकार की अल्पमत की स्थिति को देखते हुए भाजपा मध्यावधि चुनाव के लिये पूरी तरह तैयार है.
उत्तराखंड में सत्ता और संघर्ष की राजनीति के बारे में पूछे जाने पर सुषमा स्वराज ने कहा कि वहां विधान सभा अध्यक्ष और राज्यसभा चुनाव में ही स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.
उत्तराखंड विधायकों की मप्र के धार्मिक स्थानों की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर लोकसभा में विपक्ष की नेता ने कहा कि ये विधायक चुनाव में विजय के बाद दर्शन के लिये यहां आये हैं. केन्द्र में कोयला घोटाले का जिक्र करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि यह 2जी स्पेक्ट्रम से भी दस गुना बडा घोटाला है और इस मामले में सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद भाजपा की रणनीति तय की जायेगी.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सुषमा स्वराज ने कहा कि लोकपाल मुद्दे पर भाजपा ने तीन मुद्दे सरकार के समक्ष रखें हैं और इन पर किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जायेगा.
कांग्रेस महासचिव बी. के. हरिप्रसाद द्वारा भाजपा के लिए कीह गयी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी भाषा असंसदीय है और यह कांग्रेस को ही मुबारक हो.
गौरतलब है कि शनिवार को तृणमूल कांग्रेस ने भी निकट भविष्य में आम चुनाव की संभावना जताई है.