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आडवाणी को मनमोहन पर आता है तरस

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि संप्रग सरकार की स्थिति को लेकर उन्हें सिंह पर तरस आता है. आडवाणी ने नागपुर के पास साबनेर में एक सभा में कहा, ‘सरकार की स्थिति बेहद खराब है. कभी कभी मुझे मनमोहन सिंह पर तरस आता है हालांकि एक समय मेरे मन में उनके प्रति सम्मान था.’

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लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि संप्रग सरकार की स्थिति को लेकर उन्हें सिंह पर तरस आता है. आडवाणी ने नागपुर के पास साबनेर में एक सभा में कहा, ‘सरकार की स्थिति बेहद खराब है. कभी कभी मुझे मनमोहन सिंह पर तरस आता है हालांकि एक समय मेरे मन में उनके प्रति सम्मान था.’

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आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा महाराष्ट्र पहुंच गयी. आडवाणी ने कहा कि उन्होंने अब तक जितने प्रधानमंत्री देखे हैं, सिंह उनमें सबसे कमजोर हैं उन्होंने कहा कि इंद्रकुमार गुजराल, चंद्रशेखर और एच डी देवेगौड़ा जैसे लोगों ने भी बेहतर काम किया जबकि उनके साथ काफी कम सांसद थे.

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उन्होंने कहा, ‘अपने यहां चंद्रशेखर, देवेगौड़ा और आई. के. गुजराल जैसे प्रधानमंत्री हुए जिन्हें काफी कम सांसदों का समर्थन था लेकिन वे कभी कमजोर नहीं दिखे क्योंकि प्रधानमंत्री पद में काफी शक्ति है.’

आडवाणी ने कहा कि सिंह को कमजोर कहना कोई दुर्वचन नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने 2009 चुनावों के पहले उन्हें ‘कमजोर’ कहकर उनकी आलोचना की तो लोगों ने मुझसे सवाल किया कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं जबकि वह एक अच्छे और ईमानदार व्यक्ति हैं. उन्हें कमजोर कहना कोई दुर्वचन नहीं है.’ आडवाणी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री यह सोचते हैं कि 10 जनपथ से मंजूरी बिना वह कुछ नहीं कह सकते तो यह उन्हें शोभा नहीं देता.

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फोटोः लालकृष्‍ण आडवाणी की जन चेतना यात्रा शुरू | वीडियो देखें
आडवाणी ने दावा किया कि आरटीआई के जरिए अपने दो मंत्रियों प्रणव मुखर्जी और पी चिदंबरम के मतभेद सामने आ जाने से संप्रग सरकार सूचना का अधिकार कानून की समीक्षा की बात कर रही है.

नागपुर जाने के क्रम में आडवाणी ने कहा कि जब उन्होंने 21 साल में अपनी छठी यात्रा शुरू करने का फैसला किया तो ‘उनके कई सहयोगियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया.’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय नागपुर में ही है.

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आडवाणी ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि यात्रा पर नहीं जाएं, क्योंकि संचार के कई नए तरीके मौजूद हैं. टेलीविजन हर घर तक पहुंच गया है, इंटरनेट और आईटी के अन्य उपकरणों ने संवाद को काफी आसान कर दिया है. ऐसे में इतना श्रम करने की क्या जरूरत है, रथ से 40 दिनों तक क्यों गांव से गांव घूमा जाए.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें जवाब दिया कि पिछली यात्राओं के मेरे अनुभव के अनुसार भारत में अब भी यात्रा के जरिए जो संदेश पहुंच सकते हैं वह अन्य तरीकों से नहीं पहुंच सकते.’

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आडवाणी ने अपनी पूर्व सभाओं में उन खबरों को खारिज किया था कि नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में एक तबका उनके एक और यात्रा पर रवाना होने के खिलाफ था. उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में करोड़ों लोग ऐसे गांवों में रहते हैं जहां बिजली नहीं है. ऐसे में वे लोग कैसे टीवी देख सकते हैं. अगर बिजली है भी तो यह कुछ घंटों तक ही उपलब्ध है.’

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आडवाणी ने कहा कि 2009 में जब संप्रग सत्ता में फिर से आया तो मनमोहन सिंह ने वादा किया था कि सत्ता में आने के 100 दिनों के अंदर विदेशों में जमा काला धन वापस लाए जाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. लेकिन कांग्रेस नीत गठबंधन के सरकार में आए दो साल हो गए हैं और वह वायदा पूरा नहीं हो सका है.

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उन्होंने कहा कि अगर काला धन वापस आ गया होता तो सभी छह लाख गांवों में पेयजल, बिजली, बुनियादी ढांचा आदि की समस्याएं दूर हो गयी होती.

भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के अलावा वेंकैया नायडू और गोपीनाथ मुंडे भी आडवाणी की यात्रा की अगवानी के लिए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर आए.

अब लालकृष्ण आडवाणी का रथ आज आंध्रप्रदेश में दाखिल होगा. दोपहर के वक्त आदिलाबाद में आडवाणी का रोड शो होगा और शाम को निज़ामाबाद में जनसभा होगी. जनचेतना यात्रा पर निकले आडवाणी अब तक 4 राज्यों में घूम चुके हैं.

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