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पढ़ें: फोन टैपिंग पर अजय कुमार से चैट

फोन टैपिंग का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि फोन टैपिंग देशहित में जरूरी है लेकिन उसका दुरूपयोग नहीं होना चाहिए. आपका क्‍या मानना है? आप अपने सवाल आजतक के एंकर अजय कुमार से पूछ सकते हैं. अजय कुमार शाम 4 बजे आप से रू-ब-रू होंगे.

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भारतीय राजनीति में फोन टैपिंग का इतिहास काफी पुराना है. चाहे किसी की भी सरकार रही हो, वो अकसर अपने राजनीतिक विरोधियों पर नजर रखने के लिए फोन टैपिंग का इस्तेमाल करती रहती है. यह काम सुप्रीम कोर्ट की नजर में गैर कानूनी जैसा है. यह एक गंभीर मामला है.

आपका क्‍या मानना है? आप अपने सवाल आजतक के एंकर अजय कुमार से पूछ सकते हैं. अजय कुमार शाम 4 बजे आप से रू-ब-रू होंगे. आप अभी से सवाल भेज सकते हैं.

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अजय कुमार का प्रोफाइल देखें

राजनीतिक और कूटनीतिक मामलों में अजय को विशेषज्ञता हासिल है. अजय ने लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक हस्तियों व राज्‍य प्रमुखों का साक्षात्‍कार लिया है. उन्‍होंने पुतिन, जॉन मेजर, कॉलेन पावेल, कोंडेलिजा राइस, परवेज मुशर्रफ और टोनी ब्‍लेयर जैसे विदेशी राजनयिकों का भी साक्षात्‍कार लिया है.

अजय ने भारत में पहली बार आतंकियों से मुठभेड़ को लाइव कवर करने के साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवाद को व्‍यापक तौर पर कवर किया है. इन्‍होंने विभिन्‍न आतंकी संगठनों के नेताओं का साक्षात्‍कार लिया है. वे पहले भारतीय पत्रकार हैं,जिन्‍होंने पुर्तगाल जेल में अबू सलेम का पीछा किया. इन्‍‍होंने ओतावियो क्‍वात्रोची का भी पीछा किया.

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अजय ने 2001 में अमेरिका के वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर, इराक युद्ध, लीबिया, कुवैत और अफगानिस्‍तान युद्ध की भी रिपोर्टिंग की. इन्‍‍होंने कारगिल युद्ध की कवरेज की और 4850 चोटी पर पहुंचने वाले पहले पत्रकार भी बने. अजय ने 1996 से सभी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को कवर करने के साथ ही 2004 में अमेरिकी चुनावों को भी कवर किया.

इतने सारे अनुभव के साथ यह कहना गलत नहीं होगा कि अजय को राजनीतिक और कूटनीतिक मामलों एवं कानूनी और संवैधानिक मुद्दों में विशेषज्ञता हासिल है.

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