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1 अक्‍टूबर से महंगा हो जाएगा AC का सफर

महंगाई की एक और मार लोगों की जेब पर पड़ने वाली है. तृणमूल कांग्रेस के यूपीए से अलग होते ही सरकार ने रेल किराया बढ़ाने की तैयारी कर ली है.

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महंगाई की एक और मार लोगों की जेब पर पड़ने वाली है. तृणमूल कांग्रेस के यूपीए से अलग होते ही सरकार ने रेल किराया बढ़ाने की तैयारी कर ली है. राहत की बात सिर्फ इतनी है कि साधारण श्रेणी के किरायों में फिलहाल बढ़ोतरी नहीं की जा रही है.

एसी ट्रेनों के टिकटों, माल ढुलाई भाड़ों और रेलवे स्टेशनों पर भोजन की कीमतों में एक अक्‍टूबर से बढ़ोत्तरी हो जाएगी और उनपर सेवा कर लागू किया जाएगा. रेल मंत्री सी पी जोशी और वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बीच बैठक के बाद इस बाबात फैसला लिया गया.

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसी प्रथम श्रेणी, कार्यकारी श्रेणी, एसी 2 टियर, एसी 3 टियर और एसी कुर्सीयान के किरायों में एक अक्‍टूबर से 3.708 फीसदी की वृद्धि होगी और इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा रही है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा माल ढुलाई और अन्य सेवाओं पर सेवा कर भी लगाया जाएगा. सेवा कर 12.36 फीसदी है लेकिन 70 फीसदी समायोजन के बाद यह एसी श्रेणी के यात्री भाड़ों और माल ढुलाई भाड़ों पर 3.708 फीसदी पड़ेगा.

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हालांकि, स्टेशनों पर दी जाने वाली सेवाएं जैसे कैटरिंग ओर पार्किंग को 12.36 फीसदी वृद्धि का भार झेलना पड़ेगा क्योंकि इन सेवाओं में कोई सामंजस्य नहीं किया गया है. यूपीए सरकार से तृणमूल कांग्रेस की विदाई के कुछ दिनों के भीतर यह फैसला आया है.

तृणमूल ने नहीं बढ़ने दिया था किराया
रेल मंत्रालय तृणमूल के पास था और उसने इन सेवाओं पर सेवा कर लगाए जाने पर आपत्ति जताई थी. लागू किए जाने वाली तारीख के दिन या उसके बाद से यात्रा के लिए जारी किए गए टिकट पर सेवा कर लागू किया जाएगा. अगर पहले जारी कर दी गई टिकटों में सेवा कर शामिल नहीं है तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रेन के टीटीई या बुकिंग कार्यालयों के माध्यम से इसे यात्रा से पहले वसूला जाए.

अधिकारी ने कहा कि टिकट रद्द करने की स्थिति में यात्रियों को सेवा कर की राशि वापस नहीं की जाएगी. रियायती टिकटों पर सेवा कर कुल कीमत का 30 फीसदी होगा. वित्त विधेयक 2012 के तहत एसी श्रेणी में सफर करने वाले यात्रियों को जुलाई से सेवा कर के दायरे में लाया गया था लेकिन तृणमूल कांग्रेस के विरोध के कारण इसे लागू नहीं किया जा रहा था.

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