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मालेगांव में किसानों ने फैलाया 80 हजार लीटर दूध, 6 हिरासत में

किसानों की हड़ताल के पहले दिन तो आम आदमी पर कोई खास असर नहीं पड़ा लेकिन दूसरे दिन घर की रसोई पर हड़ताल का असर होता दिख रहा है. मुंबई में शुक्रवार को फल-सब्जियों के दाम दोगुने हो गए थे. किसानों की प्रमुख मांग है कि सरकार उनका कर्जा माफ करे, नहीं तो आने वाले दिनों में उनकी हड़ताल और ज्यादा तेज हो जाएगी.

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सड़क पर बहता दूध
सड़क पर बहता दूध

किसानों की हड़ताल के पहले दिन तो आम आदमी पर कोई खास असर नहीं पड़ा लेकिन दूसरे दिन घर की रसोई पर हड़ताल का असर होता दिख रहा है. मुंबई में शुक्रवार को फल-सब्जियों के दाम दोगुने हो गए थे. किसानों की प्रमुख मांग है कि सरकार उनका कर्जा माफ करे, नहीं तो आने वाले दिनों में उनकी हड़ताल और ज्यादा तेज हो जाएगी.

दरअसल महाराष्ट्र के मालेगांव में आंदोलनकारी किसानों ने करीब 80 हजार लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया. जब तक पुलिस आई आंदोलनकारी भाग चुके थे. दूध बहाने के मामले में पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया है. नासिक के 17 बाजार जहां रोज का टर्न ओवर 25 करोड़ के आसपास होता है शुक्रवार को बंद रहे प्याज के लिए मशहूर नासिक से शुक्रवार को प्याज की सप्लाई ही नहीं हुई.  

किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगे जल्द ही नहीं मानी गई तो वो वो पांच जून महाराष्ट्र बंद का आयोजन करेंगे. 6 जून को सरकारी दफ्तरों और सांसदों और विधायकों के दफ्तरों पर भी ताला डालेंगे. विपक्षी दलों से किसानों को राजनैतिक समर्थन मिल रहा है.

सरकार की सहयोगी शिवसेना ने किसानों की हड़ताल का समर्थन किया है. एमएनएस मुखिया राज ठाकरे ने किसानों से किया वायदा ना पूरा करने के लिए सरकार पर निशाना साधा है, जबकि एनसीपी मुखिया शरद पवार का आरोप है कि सरकार किसानों को बांटने की कोशिश कर रही है.  

समाज सेवी अन्ना हजारे ने किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता करने का प्रस्ताव रखा है. वैसे सूत्रों की माने तो सरकार एक लाख से कम लोन वाले किसानों का कर्जा माफ करने पर विचार कर रही है, ताकि कम से कम इस वक्त के लिए हालात को संभाला जा सके.

वहीं महाराष्ट्र के मंत्री सदाभाऊ खोट कह रहे हैं कि किसानों की हड़ताल का मुंबई पर असर नहीं पड़ा है. लेकिन हकीकत ये है कि सिर्फ एक दिन की हड़ताल में ही फल-सब्जी के दाम दोगुने हो गए हैं.

दरअसल नवी मुंबई के एपीएमसी बाजार में शुक्रवार को सिर्फ डेढ़ सौ ट्रक आए थे, जबकि रोज यहां पांच सौ ट्रक सब्जी फलों के आते हैं. इन डेढ़ सौ ट्रकों में से सिर्फ पांच-दस ही नासिक और महाराष्ट्र की दूसरी जगहों से आए थे, बाकी सभी दूसरे राज्यों से थे.

यही नहीं दूध के टैंकर फैलाने का असर भी आज रीटेल बाजार में साफ देखा गया. आम आदमी चिंतित है पर सरकार को सब सामान्य नजर आ रहा है. नासिक और अहमदनर में भी सप्लाई पर तीस से चालीस फीसदी का असर पड़ा है. पुणे में भी हड़ताल का दूध की सप्लाई पर काफी असर देखने को मिला.

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