मंगलवार को बिहार विधानसभा में हाथापाई करने वाले 67 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है. दरअसल बिहार विधानसभा में मंगलवार को जो कुछ हुआ वो लोकतंत्र को शर्मसार करने के लिए काफी था. जनता के चुने नुमाइंदे मेज-कुर्सियां पलटते देखे गए. कुछ घायल भी हो गए, लेकिन ये बवाल अब भी थमता नहीं दिख रहा.
स्पीकर पर चप्पल फेंक दी जाती है तो विधायक हैं कि हमला करने पर उतारू हो जाते हैं. कांग्रेस की विधायक ज्योति सिंह ने फूलों के गमले को हाथों में उठाकर मार्शल पर फेंक दिया. और ऐसा एक बार नहीं बार-बार उन्होंने किया. दरअसल मंगलवार के हंगामे, रातभर धरना के बाद बुधवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, फिर से हंगामा मचने लगा.
हंगामे को देखते हुए स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने विधायकों को निलंबित कर दिया और मार्शल बुला लिए. मार्शलों ने विधायकों को पकड़-पकड़कर सदन से बाहर करना शुरू कर दिया. इसी दौरान महिला विधायक ज्योति सिंह मार्शलों पर ही हमला बोल बैठीं. उधर सदन में हो-हंगामे के बीच आरजेडी विधायक शिव चंद्र राम बेहोश हो गए जिन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा.
बिहार विधानसभा में बवाल का दौर मंगलवार से ही चल रहा है जब विधानसभा के अंदर कुर्सी-मेज पलट दिए गए थे और बुधवार को तो चप्पल तक चल गई. आखिर विधानसभा में जनता के नुमाइंदे लोकतंत्र की कौन-सी तस्वीर पेश कर रहे हैं. मंगलवार रात से ही 50 से ज्यादा विधायक विधानसभा के अंदर ही धरने पर बैठे हुए हैं. यहां तक कि घायल हुए विधायकों ने भी मरहम-पट्टी करवाकर सदन में ही रात गुजारी.
इनमें आरजेडी, एलजेपी और लेफ्ट के विधायक हैं. कुछ विधायकों ने रात में विधानसभा के अंदर जाने की कोशिश की तो उन्हें रोक दिया गया और ऐसे ही चार विधायकों ने फिर सड़क पर ही विधानसभा गेट के बाहर धरने पर बैठ गए. दरअसल कैग की रिपोर्ट में बिहार सरकार पर 11 हजार करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप लगा है और इसी पर मंगलवार को विपक्ष का बवाल मचा था. प्रदर्शनकारी विधायकों की मांग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा दें.