आपातकाल के ऐलान की 45वीं बरसी पर गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोला. अमित शाह के वार पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को खुद से सवाल पूछने की नसीहत दी है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार सिर्फ दो लोगों की क्यों चलती है और बाकी लोगों को क्यों दरकिनार कर दिया गया.
रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को अपने ट्वीट में लिखा, 'देश की सत्तारूढ़ पार्टी होने के नाते बीजेपी को अपने आप से कुछ सवाल पूछने चाहिए. बहुमत के साथ सत्ता में बैठी सरकार में सिर्फ दो लोगों की ही क्यों चलती है और बाकी लोगों को क्यों दरकिनार कर दिया गया. क्या हॉर्स ट्रेडिंग, संस्थानों पर कब्जा और बड़े पैमाने पर चूक ही आपके विरासत है.'
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गृह मंत्री अमित शाह के ट्वीट पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'नेहरू-गांधी के प्रति आपकी घृणा क्यों है? सवाल उनसे भी होना चाहिए, जिन्होंने अपने गुरू और साथी को जबरन रिटायर और अपमानित करके पदों पर कब्जा कर लिया. एलके आडवाणी, एमएम जोशी, केशुभाई पटेल, कलराज मिश्र, सुषमा स्वराज, हरेन पंड्या, संजय जोशी... लिस्ट बहुत लंबी है.'
As India’s ruling party, BJP needs to answer:
Why is its majoritarian rule described as Govt of 2 people only & all others as mere side kicks?
Why is horse trading, mass defections & institution capture its only legacy?
Why is it obsessed in its vile hatred of Nehru-Gandhi’s? https://t.co/wGO9gMegj4
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 25, 2020
क्या कहा था अमित शाह ने
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार की सुबह कई ट्वीट के माध्यम से कांग्रेस पर आरोप लगाया कि 45 साल पहले एक पार्टी ने सत्ता की लालसा के लिए देश पर आपातकाल थोप दिया, रातों-रात पूरे देश को एक जेल में परिवर्तित कर दिया गया. प्रेस, अदालत और बोलने की आजादी खत्म कर दी गयी. गरीबों पर अत्याचार किया गया.
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अमित शाह ने कहा कि लाखों लोगों की जद्दोजहद की वजह से आपातकाल तो खत्म हो गया, लेकिन कांग्रेस पार्टी में यह मानसिकता अभी भी कायम है. एक परिवार की इच्छा पूरी पार्टी पर भारी पड़ती है. सीडब्लूसी बैठक में एक वरिष्ठ नेता को बोलने से रोका गया, उन्हें डांट कर चुप करा दिया गया. साथ ही कांग्रेस के एक प्रवक्ता को जबरन पद से हटा दिया गया.
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अमित शाह ने कांग्रेस से विपक्षी पार्टी होने के नाते पूछा कि क्यों अब तक आपातकाल वाली मानसिकता है, ऐसा क्यों है कि जो लोग राजवंश से संबद्ध नहीं हैं, उनको पार्टी में बोलने नहीं दिया जाता है? क्यों कांग्रेस के नेता पार्टी में कुंठित हो रहे हैं? और क्यों कांग्रेस पार्टी आम आदमी से दूर होती जा रही है?