नोटबंदी को खत्म हुए एक साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है, लेकिन पिछले दरवाजे से पुराने हजार और पांच सौ के नोटों को खपाने का काम अब भी जारी है. बताया जाता है कि कुछ बैंक कर्मी कानूनन जायज कारण का प्रकरण तैयार कर अपने बैंक के जरिये RBI को पुराने नोटों की खेप भेज रहे हैं.
RBI से क्लीन चिट मिलने के बाद पुराने नोट जमा करने वाले व्यक्ति को नई करंसी दे दी जाती है. इस लेनदेन मे बैंक कर्मी बतौर कमीशन मोटी रकम अपनी जेब में डाल लेते हैं. भिलाई में पुराने नोट खपाने आए तीन व्यक्ति पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. उनके पास से 3 लाख रुपयों के पुराने नोट जब्त किये गए हैं.
गिरफ्तार हुए आरोपियों की बातों पर विश्वास किया जाए तो पुराने नोटों को खपाने के लिए बैंक कर्मियों का चैनल अब भी जोर-शोर से जुटा हुआ है. हालांकि, पुलिस को बैंक कर्मियों के खिलाफ अभी कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगे हैं. लेकिन पुलिस ने ऐसे बैंक कर्मियों की खोजबीन के लिए कड़ी जुटानी शुरू कर दी है.
पुलिस को अंदेशा है कि कोई बड़ा गिरोह देश भर के बैंक कर्मियों के संपर्क में है. उन्हीं के इशारों पर पुराने नोटों को बदले जाने का गोरखधंधा अब भी संचालित हो रहा है. भिलाई में जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें अमित कुमार दिल्ली के पालम इलाके का रहने वाला है, जबकि असलम अली मल्कानपुर और चंद्रशेखर नवरंगपुर ओडिशा का रहवासी है.
पुलिस का दावा है कि इन तीनों को सिरसा गेट इलाके से गिरफ्तार किया गया है. जबकि कुछ लोग बताते हैं कि ये तीनों एक राष्ट्रकृत बैंक के परिसर से गिरफ्तार किए गए. पुलिस को किसी व्यक्ति ने पुराने नोट खपाने की सुचना दी थी. सूचनादाता ने तीनों का हुलिया भी बताया था.
इसी आधार पर इनकी गिरफ्तारी हुई है. इनके पास से एक हजार के 300 नोट बरामद किये गए हैं. हालांकि, पुलिस ने जब्त नोटों को फौरन इनकम टैक्स विभाग को सौप दिया है. पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है.
दुर्ग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह के मुताबिक तीनों आरोपियों से गहन पूछतांछ जारी है. उनके मुताबिक पुलिस मामले की तह तक जायेगी. जांच प्रभावित होने का अंदेशा जाहिर कर उन्होंने इस मामले में और कुछ जानकारी देने से इंकार कर दिया.