2जी घोटाला मामले की जांच से सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा बाहर कर दिए गए हैं. खबर है कि इसका असर कोर्ट में सुनवाई के दौरान पड़ने वाला है. ए राजा समेत मामले के कई प्रमुख आरोपी सीबीआई चीफ की नामौजूदगी को ढाल बनाने और काउंटर हमला करने की तैयारी में है.
आरोपी सीबीआई की अब तक की जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं और इसे चुनौती देने के लिए ऊंची अदालत में जाने पर भी विचार कर रहे हैं. वे अब जानना चाहते हैं कि क्या सिन्हा ने कुछ खास लोगों को चुनकर आरोपी बनाया. वे यह भी जानना चाहते हैं कि सिन्हा की कई लोगों से कथित तौर पर हुई मुलाकात का जांच पर किस हद तक असर पड़ा? अब तक रंजीत सिन्हा ही इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच करते आ रहे थे. मामले की सुनवाई को तीन साल हो गए हैं. सीबीआई 153 गवाहों को पेश कर चुकी है. वहीं ए राजा और कनिमोझी समेत 15 आरोपी अपने बचाव में 29 गवाह पेश कर चुके हैं.
राजा ने कोर्ट से निवेदन भी किया है कि तत्कालीन सरकारी वकील यूयू ललित (अब सुप्रीम कोर्ट के जज) और रंजीत सिन्हा के बीच साझा हुई चिट्ठियां उनके साथ शेयर की जाएं और इस संबंध में सीबीआई को निर्देश दिए जाएं. गौरतलब है कि सिन्हा के घर की विजिटर बुक में कई 2जी स्कैम के आरोपियों के नाम सामने आए थे. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें मामले की जांच से हटा दिया था.