दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार की गई द्रमुक सांसद कनिमोझी और चार अन्य लोगों की जमानत याचिका के संबंध में सीबीआई की प्रतिक्रिया जानने के लिए नोटिस जारी किया.
सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति वी के शाली ने पांच आरोपियों की जमानत याचिका के संबंध में जांच एजेंसी से एक दिसंबर तक जवाब मांगा है. कनिमोझी के अलावा चार अन्य आरोपियों ने विशेष अदालत के तीन नवबंर को जमानत देने से इनकार संबंधी फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
चार लोगों में डीएमके संचालित कलाइग्नर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार, कुसेगांव फ्रूट्स एवं वेजीटेबल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल तथा बॉलीवुड प्रोड्यूसर करीम मोरानी शामिल हैं. कनिमोझी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अल्ताफ अहमद ने पीठ के समक्ष कहा कि निचली अदालत ने पांच आरोपियों को जमानत देने की सीबीआई की इच्छा को नजरअंदाज कर दिया.
सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन परसरन ने अदालत से कहा कि उसे (सीबीआई को) जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है. सीबीआई अधिवक्ता ने कहा, ‘हम निचली अदालत के समक्ष रखे गए रुख पर कायम हैं. उसमें कोई बदलाव नहीं है.’
सीबीआई के वकील की प्रतिक्रिया न्यायमूर्ति शाली के उस सवाल के बाद आई है जिसमें उन्होंने पूछा था कि निचली अदालत में जमानत याचिका पर एजेंसी के रुख में क्या कोई बदलाव आया है. उल्लेखनीय है कि डीएमके सुप्रीमो करुणानिधि की बेटी कनिमोझी गत 20 मई को अपनी गिरफ्तारी के बाद से तिहाड़ जेल में बंद हैं. निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है.
इससे पहले विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने कनिमोझी और अन्य को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उनके ऊपर लगे आरोप काफी गंभीर प्रकृति के हैं और उनकी जमानत याचिका पर सीबीआई की आपत्ति न होने का ‘कानून की नजर में कोई महत्व’ नहीं है. पांचों आरोपी पिछले पांच से नौ महीनों से जेल में हैं.
अदालत ने कनिमोझी को जमानत से इनकार करते हुए कहा, ‘वह समाज के उच्च तबके से आतीं हैं और संसद की सदस्य भी हैं’ इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि महिला होने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है सैनी ने सभी आठ आरोपियों की जमानत याचिका को तीन नवंबर तक के लिए खारिज कर दिया था.
अन्य लोग जिनकी याचिका खारिज की गई उनमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के निजी सचिव रह चुके आर के चंदोलिया और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा के अलावा स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा शामिल हैं. राजा ने अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं की थी.