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2जी घोटाले में दयानिधि मारन के खिलाफ एफआईआर जल्द: सीबीआई

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि उसे द्रमुक सांसद दयानिधि मारन के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सबूत मिले हैं और एकाध रोज में पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

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दयानिधि मारन
दयानिधि मारन

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसे द्रमुक सांसद दयानिधि मारन के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सबूत मिले हैं और एकाध रोज में पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

मारन के खिलाफ कई आरोप हैं. उनमें से एक एयरसेल को लाभ पहुंचाने का भी है.

जांच एजेंसी ने कहा कि एस्सार समूह के खिलाफ अभी जांच जारी है और उसे पूरा होने में दो सप्ताह का समय लगेगा. सीबीआई ने जांच की प्रगति पर ताजा स्थिति रिपोर्ट सीलबंद कवर में में दी है. सीबीआई ने कहा कि मारन के खिलाफ 2जी मामले में शुरुआती जांच पूरी हो गई है और मारीशस को अनुरोध पत्र (एलआर) भेज दिया गया है.

सीबीआई के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और ए के गांगुली की पीठ के समक्ष कहा, ‘मारन के संबंध में शुरुआती जांच पूरी हो गई है और सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. एफआईआर माह के अंत में दर्ज कराई जा सकती है.’

वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले में तीसरा आरोपपत्र दायर करने में विलंब हो रहा है, क्योंकि मारन और एस्सार समूह के खिलाफ ‘मुखौटा कंपनी’ के गठन की जांच अभी जारी है. एस्सार पर आरोप है कि उसने अवैध तरीके से 2जी लाइसेंस पाने के लिए लूप टेलीकाम का गठन किया था.

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एस्सार समूह ने इस मामले में किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार करते हुए कहा है कि लूप टेलीकाम उसकी मुखौटा कंपनी नहीं थी और उसे इस मामले में कंपनी मामलों के मंत्रालय से भी क्लीन चिट मिल चुकी है.

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