scorecardresearch
 

26/11: राणा ने नहीं दी थी हेडली को बधाई: एटॉर्नी

मुंबई हमलों के सह आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने 26/11 हमलों के सफल होने पर दूसरों की तरह डेविड कोलमन हेडली को बधाई नहीं दी थी.

Advertisement
X

मुंबई हमलों के सह आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने 26/11 हमलों के सफल होने पर दूसरों की तरह डेविड कोलमन हेडली को बधाई नहीं दी थी.

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के मुकदमे के दौरान उसके वकील ने अदालत में यह कहा कि राणा के एटॉर्नी पैट्रिक ब्लेगन ने शिकागो की अदालत को बताया कि 26/11 हमलों के बाद हेडली को उसके भाई हम्जा और पत्नी शाजिया समेत कई लोगों ने बधाई दी, लेकिन राणा ने नहीं.

राणा पर आरोप है कि उसने मुंबई स्थित अपने कार्यालय फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन ऑफिस में हेडली को आव्रजन परामर्शकार नियुक्त करके उसे आधार मुहैया कराया. ब्लेगन ने तर्क दिया कि राणा वह पहला व्यक्ति नहीं था, जिसने कहा कि मुंबई हमलों में मारे गए नौ हमलावरों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान ‘निशाने हैदर’ दिया जाना चाहिए और वह केवल उसे ही दोहरा रहा था, जो हेडली ने कहा था.

Advertisement

खुफिया तौर पर रिकॉर्ड की गई बातचीत में राणा कह रहा था, ‘आप जानते हैं कि उन्हें निशाने हैदर दिया जाना चाहिए.’ इस पर ब्लेगन ने दावा किया कि राणा उसी बात को दोहरा रहा था, जो हेडली ने कही थी.

एटॉर्नी ने यह भी कहा कि हेडली ‘बेबुनियाद बातें’ और अक्सर गुस्से में चरमपंथी बातें भी किया करता था. उस पर यह भी आरोप लगाया गया कि हेडली बातों को अपने हिसाब से तोड़-मरोड़ लेता था और अलग-अलग लोगों से अलग-अलग बातें करता था. वह लोगों को सिर्फ उतना ही बताता था, जितना उनके लिए जरूरी होता था.

ब्लेगन ने कहा कि एक बार एफबीआई ने हेडली की बेबुनियाद बातों पर उससे पूछताछ भी की थी. उसने 1999-2000 में कश्मीर और पाकिस्तानी मुस्लिमों को लेकर भारत के प्रति गुस्सा जाहिर किया था. उन्‍होंने बताया कि डेनमार्क अभियान को लेकर राणा और हेडली के बीच कोई ईमेल संपर्क नहीं हुआ. इस अभियान को शुरूआत में मिकी माउस प्रोजेक्ट कहा गया, लेकिन बाद में इसे नॉर्दर्न प्रोजेक्ट का नाम दिया गया.

एटॉर्नी ने कहा कि राणा स्कैंडिनेविया में भी कार्यालय खोलना चाहता था. ब्लेगन ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि डेनमार्क में टोही अभियान को अंजाम देकर लौटने के बाद हेडली ने कई लोगों को ‘डेनमार्क’ लिखी टोपियां तोहफे में दीं, जो वहां आतंकवादी अभियान के संदर्भ में थी.

Advertisement

एटॉर्नी ने राणा के बचाव में कहा कि हेडली ने ये टोपियां अपने भाई हम्जा, पाशा और साजिद मीर को दीं, लेकिन राणा को नहीं.

Advertisement
Advertisement