scorecardresearch
 

1984 के सिख विरोधी दंगा केस: अभिषेक वर्मा ने कहा, कोर्ट के आदेशानुसार नहीं हुआ पॉलीग्राफी टेस्ट

अभिषेक वर्मा के वकील के मुताबिक रोहिणी एफएसएल के वैज्ञानिक जगदीश टाइटलर से प्रभावित थे और वो नहीं चाहते थे कि अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट हो. अभिषेक वर्मा के वकील के मुताबिक वे टाइटलर की तरफदारी कर रहे थे.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

अभिषेक वर्मा 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सीबीआई का गवाह है. इस मामले में अभिषेक वर्मा ने बयान दिया था कि जगदीश टाइटलर ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अहम गवाह को प्रभावित किया था और उसे कनाडा भेजा था. सीबीआई के पास वर्मा के गवाही के अलावा और कोई सबूत नहीं है. इस मामलें में सीबीआई अभिषेक वर्मा और जगदीश टाइटलर का पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती थी. अभिषेक वर्मा पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन जगदीश टाइटलर ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए मना कर दिया था.

अभिषेक वर्मा के वकील के मुताबिक रोहिणी एफएसएल के वैज्ञानिक जगदीश टाइटलर से प्रभावित थे और वो नहीं चाहते थे कि अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट हो. अभिषेक वर्मा के वकील के मुताबिक वे टाइटलर की तरफदारी कर रहे थे. अभिषेक वर्मा का ये भी आरोप है कि कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश को एफएसएल के वैज्ञानिकों ने नहीं माना. कोर्ट के आदेश में ये कहा गया था कि जब अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट हो उस समय उनके वकील भी लेब के कमरे रहेंगे. हालांकि वैज्ञानिकों ने अभिषेक वर्मा के वकील को बिल्डिंग से बाहर निकलने को कह दिया गया था.

Advertisement

1984 के सिख दंगें मामले में 4 दिसम्बर 2015 को सीबीआई ने आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा को इस मामले को गवाह बनाया था. 8 फरवरी 2017 को सीबीआई ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि वो अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है. इस मामले में अभिषेक वर्मा के बयान के अलावा सीबीआई के पास और कोई दूसरा सबूत नहीं है. लिहाजा सीबीआई के लिए अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट बहुत अहम है. इस मामले में सीबीआई तीन बार क्लोज़र रिपोर्ट दायर करा चुकी है, लेकिन कोर्ट हर बार सीबीआई को दोबारा जांच करने का आदेश देती रही है.

Advertisement
Advertisement