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जमीन समाधि करने वाले किसानों की मांग पर वसुंधरा सरकार राजी, खत्म होगा आंदोलन

जयपुर विकास प्राधिकरण ने करीब 1350 बीघा जमीन में कॉलोनी काटने के लिए किसानों की जमीन लेने के लिए नोटिस थमाया है. जिन किसानों को सरकार ने जमीनें देने के लिए नोटिस थमाया था उन्होंने जमीन समाधि ली.

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2 अक्टूबर को शुरू हुआ था आंदोलन
2 अक्टूबर को शुरू हुआ था आंदोलन

राजस्थान के नींदड़ में जमीन समाधि कर रहे किसानों की मांग पर आखिरकार सरकार राजी हो गई है. जिसके बाद किसानों ने लिखित समझौता मिलने पर आंदोलन खत्म करने की घोषणी की है. किसानों ने इसे अपने संघर्ष की जीत बताया है.

जयपुर के नींदड़ में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने 2 अक्टूबर से जमीन में गड़कर आंदोलन शुरू किया था. इलाके के 22 किसानों ने जमीन खोदकर खुद को उसमें गाड़कर आंदोलन की शुरुआत की थी. जिसके बाद और किसान भी इस आंदोलन का हिस्सा बनते गए और इनकी संख्या 275 तक पहुंच गई.

सोमवार को शहरी विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई, जो रात आठ बजे तक चली.

किसान संघर्ष समिति के नेता नगेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ये सत्य और संघर्ष की जीत है. सरकार ने मंगलवार को जयपुर विकास प्राधिकरण को लिखित में समझौते को देने को कहा है, उसके बाद जमीन समाधी आंदोलन वापस होगा.

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किसानों को सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि इस जमीन का दोबारा सर्वे होगा और तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाई जाएगी. इस कमेटी में नींदड़ के किसानों को भी शामिल किया जाएगा.

ये है किसानों का मुद्दा

जयपुर सीकर हाइवे पर जयपुर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजना को लेकर किसानों ने जमीन समाधि ली थी. यहां शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले जयपुर विकास प्राधिकरण ने करीब 1350 बीघा जमीन में कॉलोनी काटने के लिए किसानों की जमीन लेने के लिए नोटिस थमाया है. जिन किसानों को सरकार ने जमीनें देने के लिए नोटिस थमाया है उन्होंने जमीन समाधि ली. सरकार ने 2010 में किसानों की खेती की जमीन लेकर कॉलोनी बसाने की योजना बनाई थी.

किसानों का आरोप

किसानों का आरोप है कि सरकार अपनी जेब भरने के लिए किसानों के पेट पर लात मार रही है. किसानों को औनेपौने भाव में मुआवजा देकर मोटी रकम लेकर बाजार में लोगों को कॉलोनी बनाकर बेचेगी. ऐसे आरोप लगाने वाले जिन किसानों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था, सरकार ने उन किसानों के पैसे कोर्ट में जमा करवाकर बेदखली शुरु कर दी थी,  जिससे किसान आंदोलित हो उठे.

बताया जा रहा है कि मंगलवार को इस संबंध में सरकार किसानों को लिखित समझौता देगी, जिसके बाद किसान अपना आंदोलन खत्म कर देंगे.

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